भ्रष्टाचार का नया उदाहरण- कृषि उपज मंडी में दादागिरी, ईई की मनमानी
मंत्री के चहेतों को ही निर्माण का टेंडर देने के विरोध में युकां नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। ठेकेदारों के साथ युकां नेताओं ने अधिकारी को धमकी दी है कि मांग की अनदेखी की तो मुंह पर कालिख पोता जाएगा।

दुर्ग, जनजागरुकता। दुर्ग जिले के कृषि उपज मंडी में भ्रष्टाचार का नया उदाहरण सामने आया है। जहां खुल्लमखुल्ला मंत्री के चहेतों को ही टेंडर बांटे जा रहे हैं। यहां ऑनलाइन टेंडर भरने वाले ठेकेदारों को टेंडर वापस लेने कांग्रेस नेता का बड़ा दबाव है। इससे नाराज युकां नेताओं के साथ ही ठेकेदारों ने कार्यालय का घेराव कर दिया। वहीं चेतावनी दी गई है कि अगर मंडी के अधिकारी ईई ने मांग की अनदेखी की तो कालिख पोतकर घुमाया जाएगा।
बता दें कि कृषि उपज मंडी, दुर्ग कार्यालय में निर्माण कार्यों के टेंडर को लेकर जबरदस्त विवाद की स्थिति बनी हुई है। युकां के नेताओं के अनुसार यहां हालत ये है कि एक मंत्री के चहेतों को ही टेंडर फार्म दिए जा रहे हैं। इसके कारण नाराज युकां नेताओं ने मंडी कार्यालय का घेराव कर दिया। शुक्रवार को युकां नेताओं ने मंडी कार्यालय में निर्माण कार्यों का टेंडर फार्म किसी व्यक्ति विशेष के कहने पर ही देने का आरोप लगाया।
इस दौरान नाराज युवा कांग्रेस नेताओं और ठेकेदारों ने ईई कार्यालय घेरने के बाद वहीं धरने पर बैठ गए। इधर नेताओं व ठेकेदारों की नाराजगी को देखते हुए मंडी बोर्ड के ईई खैरानी पिछले दरवाजे से भाग निकले। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा न्याय न मिलने पर जिम्मेदार ईई को कालिख पोतकर घुमाया जाएगा।
इन्होंने दी खैरानी को चेतावनी
उन्होंने कहा इस मामले की शिकायत कलेक्टर से भी की जाएगी। युकां नेताओं और ठेकेदारों ने कहा है कि कलेक्टर से टेंडर निरस्त करने और ईई के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। ईई खैरानी को चेतावनी देने वाले युकां नेताओं में विक्रांत ताम्रकार, अखिलेश जोरी, विकास साहू, सौगात गुप्ता, एश्वर्य देशमुख, दीपक निर्मलकर, खुमान निषाद, यशवंत देशमुख सहित अन्य ठेकेदार शामिल थे।
उसके बाद मचा बवाल
सितंबर में दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विपणन मडी बोर्ड द्वारा टेंडर जारी किया गया है। टेंडर के लिए आवेदन क्रय करने की अंतिम तिथि 22 सितंबर तय की गई थी। मामले पर ठेकेदारों का कहना है कि आवेदन लेने पहुंचने वालों को 22 सितंबर को आने कहा गया। जब 22 सितंबर को ठेकेदार पहुंचे तो केवल एक व्यक्ति विशेष के चहेते लोगों को ही टेंडर के आवेदन फार्म दिए गए। बाकी लोगों को लौटाया जा रहा था। इससे नाराज ठेकेदारों ने युकां नेताओं को इसकी जानकारी दी।
मंत्री की अनुशंसा के बिना किसी को भी फार्म नहीं- ईई खैरानी
युकां नेता विक्रांत ताम्रकार ने बताया कि ईई खैरानी ने दिन भर किसी के नाम की पर्ची लेकर पहुंचने वाले ठेकेदारों को ही आवेदन दिया। दूसरे ठेकेदारों ने जब आवेदन की मांग की तो जिले के एक पॉवरफुल मंत्री या उनके पुत्र से सिफारिश लिखवाकर लाने या उनके ओएसडी से फोन कराने कहा गया। इस दौरान ईई ने साफ कहा कि मंत्री की अनुशंसा के बिना फार्म नहीं दिये जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में होने हैं करोड़ों के काम
ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि मिलीभगत कर सिंडीकेट बनाकर चहेतों के नाम पर ठेके दिये जा रहे हैं। वहीं बता दें कि मंडी बोर्ड द्वारा जारी टेंडर सूचना में करीब 20 करोड़ के 127 कार्य शामिल हैं। ये सभी कार्य दुर्ग ग्रामीण विधानसभा के गांवों में कराए जाने हैं। इनमें सामुदायिक भवन, धान खरीदी केंद्रों में भवन व शेड, सीसी रोड निर्माण शामिल है।
नगर निगम दुर्ग में ऑनलाइन टेंडर में भी चला पॉलिटिकल प्रेशर
दुर्ग निगम में भी ऐसा ही मामला
इधर, दुर्ग नगर निगम में भी ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में भी पॉवर गेम चला है। यहां आफ लाइन तो छोड़िये, ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में भी प्रेशर चला। करीब डेढ़ माह तक मान मनौव्वल के साथ प्रेशर गेम चलने के बाद 2 दिन पहले 3 टेंडर फाइनल कर दिये गए। सभी ऑनलाइन टेंडरों में चहेतों को ठेका देने बाकी ठेकेदारों से टेंडर वापस लेने दबाव बनाया गया। सिंडिकेट बनाकर चहेतों को ही ठेका देने का खेल चला है।