माघ मास में स्नान का बड़ा महत्व ..ये है नियम
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने का आरंभ हर वर्ष पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है।

जीवन मंत्र..
जनजागरुकता, धर्म डेस्क। सनातन धर्म में हर माह, हर दिन का नक्षत्रों के अनुसार मानव जीव में बड़ा महत्व है। ये सब सुखमय, शांतिमय और पुण्य के साथ जीवन जीने का मार्ग बताते हैं।
शास्त्र के अनुसार माघ का महीना जारी है। हिंदू धर्म में माघ का महीना बहुत से मामले में पवित्र माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने का आरंभ हर वर्ष पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलता है।
धार्मिक मान्यता है माघ के महीने में स्नान, दान, पुण्य और आराधना करने पर जीवन में विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस बार माघ माह 7 जनवरी से प्रारंभ हो चुका है और ये 18 फरवरी को महाशिवरात्रि को समाप्त होगा।
पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है
इस महीने में महत्व के अनुसार लोग गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना करते हैं। माघ में सूर्यदेव की पूजा-आराधना करने से जीवन में पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। माघ महीने में भगवान विष्णु, सूर्यदेव और मां गंगा की पूजा-आराधना करने का विशेष महत्व होता है।
..ये है माघ मास से जुड़े नियम
1. माघ मास में व्यक्ति को ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।
2. इस माह में आलस्य करना, अधिक देर तक सोना और स्नान न करने से सेहत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
3. माघ मास के सभी दिनों में आप तुलसी की पूजा करें और गीता का पाठ करें। आपको ईश्वर की कृपा प्राप्त होगी।
4. माघ में आप शनि दोषों से मुक्ति के लिए काले तिल का दान करें और राहु दोष से मुक्ति के लिए गर्म कपड़े या कंबल का दान करें।
5. माघ माह में गंगा स्नान करने से पाप मिट जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
6. कल्पवास की शुरुआत मां तुलसी और भगवान शालिग्राम के पूजन से होता है।
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