यूसीसी मुद्दा राजनीति से प्रेरित- सांसद नावा सारनिया
कोकराझाड़ लोकसभा के निर्दलीय सांसद नावा कुमार सारनिया ने कहा असम में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। कमीशन खोरी का बोलबाला है। बड़ी-बड़ी संस्थाओं को मोदी सरकार बेच रही है जो ठीक नहीं है।
रायपुर, जनजागरुकता। असम के कोकराझाड़ लोकसभा के निर्दलीय सांसद नावा कुमार सारनिया ने असम के भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह सरकार विवादों से घिरी है। यहां कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। इनके राज में कमीशन खोरी का बोलबाला है। यूसीसी के मामले में केन्द्र सरकार को चाहिए कि आदिवासी, मुस्लिम समुदाय सहित अन्य समुदाय के लोगों से चर्चा करने के बाद ही लागू करने पर विचार करना चाहिए। यह मुद्दा राजनीति से प्रेरित है।
असम सरकार में कमीशन खोरी चरम पर
सांसद सारनिया शुक्रवार को नया रायपुर स्थित धरना स्थल पहुंचकर कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन किया। इस दौरान "जनजागरुकता मीडिया" janjaagrukta.com से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि असम में हिंमत बिस्वा सरमा की सरकार से लोग नाराज हैं। उनके कामकाज को अच्छा नहीं कहा जा सकता है। यह सरकार हमेशा विवादों में घिरी रहती है। इनके राज में कमीशन खोरी चरम पर है।
मोदी सरकार से मुकाबला करने विपक्ष एकजुट
उन्होंने कहा कि विपक्षी मोर्चा एकजुट होकर मोदी सरकार का मुकाबला करेगी। विपक्षी मोर्चा पर अलग-अलग दल के नेताओं से चर्चा चल रही है। ताकि एक मंच पर आकर मोदी सरकार से लड़ सकें।
मोदी सरकार की नीतियां लोकहित में नहीं
सारनिया ने कहा कि केन्द्र में बैठी मोदी सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा आम जनता भुगत रहीं है। उनकी कई नीतियां लोक हित में नहीं है। निजीकरण की आड़ में बड़ी-बड़ी संस्थाओं को बेच रही है जो ठीक नहीं है।
दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश उचित नहीं
दिल्ली सरकार के अधिकारों के खिलाफ लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर सांसद सारनिया ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने अधिकार दिए तो केन्द्र सरकार को अध्यादेश लाने की जरूरत नहीं थी। फिर भी अध्यादेश ला कर केजरीवाल सरकार को कुछ मामलों में दिए अधिकारों पर रोक लगा दी गई, यह उचित नहीं है। कानून बनाकर दिल्ली सरकार की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि सरकार चलाने में परेशानी न हो।
कर्मचारियों की मांग जायज
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के आंदोलनरत कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करने आया हूं। उनकी मांगें जायज है। सरकार को विचार करना चाहिए।