पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव से पहले हिंसा, हाईकोर्ट सख्त, होगी सीबीआई जांच

निष्पक्ष चुनाव के लिए राज्य चुनाव आयोग ने मांगे 82,000 से अधिक केंद्रीय बल। कोलकाता हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से सवाल किए।

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव से पहले हिंसा, हाईकोर्ट सख्त, होगी सीबीआई जांच

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के दौरान भड़की हिंसा की घटनाओं की सीबीआई जांच का आदेश दिया है। जस्टिस अमृता ने चुनाव से पहले नामांकन के दौरान हुई हिंसा मामले में मतदान से एक दिन पहले सात जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव में तैनाती के लिए 24 घंटे में 82,000 से अधिक केंद्रीय बलों के कर्मियों की मांग करने का निर्देश दिया है।

बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव

बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले  बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के भानगड़ में नामांकन की प्रक्रिया के दौरान बम तक फेंके गए जिससे कई लोग घायल हो गए थे। हिंसा के दौरान कुल चार लोगों की मौत हुई। यहां केवल एक दिन नहीं बल्कि लगातार हिंसा की घटनाएं सामने आई थी। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बेनर्जी इसे बीजेपी की साजिश करार दे चुकी हैं। वहीं, बीजेपी का कहना है कि राज्‍य की सत्‍ता संभाले बैठी टीएमसी के ईशारे पर यह हिंसक घटनाएं हो रही हैं।

विपक्षी दलों की दायर याचिका पर सुनवाई

गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के नामांकन दौरान हुई हिंसा को लेकर विपक्षी दलों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इन विपक्षी दलों में भाजपा, कांग्रेस और सीपीएम शामिल है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि हिंसा के कारण कुछ उम्मीदवारों के नाम उम्मीदवारों की सूची से गायब हो गए। याचिका में सीपीएम ने आरोप लगाया है कि राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई लिस्ट में उनके उम्मीदवारों के नाम नहीं थे। इस पर बुधवार को जस्टिस अमृता सिन्हा ने सुनवाई की। उन्होंने हिंसा पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य चुनाव आयोग को सूची में उम्मीदवारों के नाम शामिल करने का आदेश दिया।

चुनाव में खून बहा तो रोक दिया जाए चुनाव- जस्टिस अमृता सिन्‍हा

जस्टिस अमृता सिन्‍हा की बेंच ने कहा, ‘अगर इस तरह खून बहाना जारी रहता है तो पंचायत चुनाव को रोक दिया जाना चाहिए।’ उन्‍होंने पूछा कि काफी हिंसा देखने को मिल रही है। कानून व्‍यवस्‍था की धज्जियां उड़ रही हैं। ऐसे में राज्‍य चुनाव आयोग क्या कर रहा है? कोलकाता हाई कोर्ट एक चुनाव प्रत्‍याशी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में कहा गया था कि उनका नाम लिस्‍ट से गायब कर दिया गया।

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