कालेधन से मुक्ति के लिए चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, राजनीतिक दलों के चंदे की रकम की निर्धारित
आयोग की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है, जब हाल ही में उसने 284 ऐसे दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था, जो नियमों का पालन नहीं कर रहे थे।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। राजनीतिक दलों को कालेधन से मुक्त करने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब पार्टियों के चंदा लेने की रकम की सीमा तय कर दी गई है। चुनाव आयोग के अनुसार कुल चंदे में नकद की सीमा अधिकतम 20 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपए तक सीमित करने की बात कही गई है।
बता दें कि आयोग की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है, जब हाल ही में उसने 284 ऐसे दलों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था, जो नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। आयकर विभाग ने हाल ही में कर चोरी के आरोप में ऐसी कई राजनीतिक इकाइयों के ठिकानों पर छापे भी मारे थे।
सूत्रों ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मामले को लेकर केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू को पत्र लिखा है, जिसमें जन प्रतिनिधित्व कानून में कुछ संशोधन की मांग की गई है। आयोग की सिफारिशों का मकसद राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता लाना है।
मौजूदा नियमों के अनुसार, राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपये से ऊपर वाले सभी चंदों का खुलासा करना होता है और आयोग के समक्ष इस बारे में रिपोर्ट देनी होती है। सूत्रों ने कहा कि अगर आयोग के इस प्रस्ताव को विधि मंत्रालय की मंजूरी मिल जाती है तो 2000 रुपये से अधिक सभी चंदों के बारे में राजनीतिक दलों को जानकारी देनी होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि किसी भी राजनीतिक दल को मिले कुल चंदे में नकद अधिकतम 20 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये होना चाहिए। निर्वाचन आयोग यह भी चाहता है कि चुनावों के दौरान उम्मीदवार चुनाव के लिए अलग से बैंक खात खोलें और सारा लेनदेन इसी खाते से हो। साथ ही चुनावी खर्च के ब्यौरे में इसकी जानकारी भी दी जाए।