Supreme Court : पूर्व कांग्रेस पार्षद की सजा निलंबित की याचिका पर CBI से मांगा जवाब..
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी (Justice J.K. Maheshwari) और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल (Justice Rajesh Bindal) की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को दोषी के आचरण और व्यवहार पर जेल अधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया।
दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर द्वारा दायर उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सीबीआई से जवाब मांगा है, जिसमें उन्होंने अपनी आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी (Justice J.K. Maheshwari) और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल (Justice Rajesh Bindal) की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को दोषी के आचरण और व्यवहार पर जेल अधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त करने का निर्देश दिया।
दरअसल, खोखर की जमानत अर्जी पहले तीन बार खारिज हो चुकी है। खोखर के अलावा, पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) भी इस मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इस मामले में पूर्व विधायक महेंद्र यादव (Mahendra Yadav) की मंडोली जेल में कोविड से मौत हो गई, जिन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
बता दें, यह मामला 1-2 नवंबर, 1984 को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-1 में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारे को जलाने से संबंधित है। 17 दिसंबर, 2018 को दोषी ठहराए जाने के बाद से कुमार और खोखर तिहाड़ जेल में बंद हैं। दिल्ली सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2018 में खोखर की सजा को बरकरार रखा और 2013 में निचली अदालत द्वारा कुमार को बरी करने के फैसले को पलट दिया।janjaagrukta.com