Supreme Court : विशेष पीठ पूजा स्थल अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर करेगी सुनवाई..
पूजा स्थल संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 12 दिसंबर को दोपहर 3.30 बजे सुनवाई करेगा।
दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 12 दिसंबर को दोपहर 3.30 बजे सुनवाई करेगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन (CJI Sanjeev Khanna, Justice Sanjay Kumar and Justice K.V. vishwanathan) की विशेष पीठ सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि यह कानून मनमाना और अनुचित है। धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है, जिससे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
मुख्य याचिका (अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ) 2020 में दायर की गई। न्यायालय ने मार्च 2021 में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। बाद में कुछ अन्य समान याचिकाएं भी क़ानून को चुनौती देते हुए दायर की गईं, जो 15 अगस्त, 1947 को धार्मिक संरचनाओं के संबंध में यथास्थिति को बनाए रखने की मांग करती हैं। उनके रूपांतरण की मांग करने वाली कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाती हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा कई बार विस्तार दिए जाने के बावजूद, केंद्र सरकार ने अभी तक मामले में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया। 11 जुलाई, 2023 को न्यायालय ने संघ से 31 अक्टूबर, 2023 तक जवाब दाखिल करने को कहा।
ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंध समिति ने पूजा स्थल अधिनियम 1991 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के समक्ष हस्तक्षेप याचिका दायर की है। इसने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा अधिनियम को असंवैधानिक घोषित करने के परिणाम "कठोर होने वाले हैं।" हस्तक्षेप आवेदन में, प्रबंध समिति ने कहा कि यह कानूनी विचार-विमर्श में प्रमुख हितधारक है क्योंकि 1991 अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत प्रतिबंध के बावजूद मस्जिद को हटाने का दावा करते हुए कई मुकदमे दायर किए गए हैं।janjaagrukta.com