तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने कहा- 'हिंदी का गुलाम नहीं बनेंगे'
गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर आपत्ति जताते हुए सीएम एमके स्टालिन ने आपत्ति दर्ज कराई है।
चेन्नई, जनजागरुकता डेस्क। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों कहा कि हिंदी का अन्य भाषाओं से प्रतिस्पर्धा नहीं है। और सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने से ही देश सशक्त होगा। शाह ने कहा था कि हिंदी को बिना विरोध के स्वीकार किया जाना चाहिए। इस पर तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने आपत्ति दर्ज कराई है।
स्टालिन ने गृह मंत्री शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि हम हिंदी का गुलाम नहीं बनेंगे। सीएम स्टालिन ने बयान में शाह के बयान की निंदा की है।
बता दें कि शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने नई दिल्ली में आधिकारिक भाषा पर संसद की समिति की 38वीं बैठक की अध्यक्षता की थी। बैठक के दौरान शाह ने कहा कि हिंदी को बिना विरोध के स्वीकार किया जाना चाहिए, भले ही स्वीकृति की गति धीमी हो। इसके साथ ही गृह मंत्री शाह ने कहा कि हिंदी का अन्य भाषाओं से प्रतिस्पर्धा में नहीं है और सभी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने से ही देश सशक्त होगा।
अपने अधीन करने का एक प्रयास
इस मामले पर सीएम ने कहा मैं हिंदी स्वीकृति के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की कड़ी निंदा करता हूं। यह गैर-हिंदी भाषियों को अपने अधीन करने का एक प्रयास है। तमिलनाडु किसी भी प्रकार के हिंदी आधिपत्य और थोपने को अस्वीकार करता है। हमारी भाषा और विरासत हमें परिभाषित करती है, हम हिंदी के गुलाम नहीं होंगे।'
ऐसा करना चिंगारी को भड़काना है
सीएम स्टालिन ने गृह मंत्री शाह से कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में हिंदी को थोपे जाने के विरोध पर ध्यान दिलाया। एमके स्टालिन ने कहा कि कर्नाटक, पश्चिम बंगाल जैसे कई राज्य भी हिंदी थोपे जाने का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री जी कृपया बढ़ते प्रतिरोध पर ध्यान दें। साथ ही उन्होंने कहा कि 1965 के हिंदी विरोधी आंदोलन की चिंगारी को भड़काना एक मूर्खतापूर्ण कदम होगा।