इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले का जिन्न फिर आया बाहर, दोबारा होगी जांच

मामले पर सियासत गरमा गई है। करोड़ों का घोटाला हुआ था, संचालक मंडल सहित कई लोग इसमें लिप्त हैं। आरोपी उमेश सिन्हा का दोबारा नार्को टेस्ट होगा। सीएम ने कहा भष्ट्राचार उजागर होना चाहिए।

इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले का जिन्न फिर आया बाहर, दोबारा होगी जांच

 

रायपुर, जनजागरुकता। बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक घोटाला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। यह बैंक घोटाला भाजपा शासन काल में हुआ था। लेकिन भाजपा सरकार ने ठीक से जांच नहीं कराई। इस घोटाले में कई बैंक संचालक लिप्त थे। पर वे प्रभाव का इस्तेमाल कर बच गए। 

इस कांड के मुख्य आरोपी का नार्को टेस्ट हुआ था जिसे पुलिस ने कोर्ट में पेश ही नहीं किया। इस मामले में हाईकोर्ट बैंक घोटाले की दोबारा जांच के आदेश दे दिए हैं। यानि फिर से आरोपी का नार्को टेस्ट हो सकता है।

घोटाले में कांग्रेस के बड़े नेताओं का परिवार संलिप्त

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक घोटाले का मामला एक बार फिर सामने आया है। बिलासपुर उच्च न्यायालय ने बैंक घोटाले की दोबारा जांच के आदेश दे दिए हैं। आदेश के बाद सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया कि जनता की गाढ़ी कमाई के घोटाले की जांच की अनुमति न्यायालय से मिल चुकी है। इसके साथ ही इस पर सियासत शुरु हो गई है। बताया जा रहा है कि पूर्व भाजपा शासन काल में लोगों के लगभग पांच करोड़ रुपये ही बैंक को लौटा पाए थे। आज भी लोगों के लाखों रुपए फंसे हुए हैं। इस घोटाले में कांग्रेस के बड़े नेताओं का परिवार संलिप्त है। घोटाले का मुख्य किरदार बैक संचालक मंडल व आरोपी उमेश सिन्हा हैं। 

 

आरोपी ने दिए थे कई भाजपा नेताओं को रुपए

नार्कों टेस्ट में घोटाले के प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपये दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए। 

भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए- सीएम भूपेश

घोटाला मामले पर सीएम भूपेश ने कहा कि भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए। कांग्रेस ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनती है, तो इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले की जांच कराएंगे। लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बाद कांग्रेस सरकार ने इस घोटाले के जिन्न को फिर बाहर निकाला है। हालांकि यह जिन्न बिलासपुर के रास्ते से आया है। कांग्रेस को इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाले के रुप में एक नया चुनावी मुद्दा मिल गया है।  

  

कांग्रेस ने पूर्ववर्ती रमन सरकार पर लगाया था आरोप

गौरतलब है कि पिछली सरकार ने बैंक घोटाले की चार्जशीट कोर्ट में पेश करने के दौरान नार्कों टेस्ट की रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई थी, जबकि वायरल वीडियो में कई बड़े लोगों के नाम सामने बताए जा रहे थे। इसके बाद से ही कांग्रेस ने पूर्ववर्ती रमन सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और जांच की मांग शुरू की थी।

याचिका में कांग्रेस ने मांगी थी जांच की अनुमति

छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए इस पर फिर से जांच की अनुमति मांगी थी। घोटाला उजागर होने के बाद बैंक ने अपने आप को डिफाल्टर घोषित कर दिया था। साथ ही इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से कुछ खातेदारों की राशि लौटाई थी, लेकिन काफी संख्या में खातेदारों को आज भी राशि नहीं मिल सकी है।

सीएम  ने नार्कों टेस्ट का वीडियो साझा किया

अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री ने बैंक के तत्कालीन मैनेजर उमेश सिन्हा के नार्कों टेस्ट का वह वीडियो भी अटैच किया है। वीडियो में महिला जांच अधिकारी बैंक मैनेजर से पूछताछ करती हुई दिख रही हैं। यह वीडियो लगभग 10 वर्ष पहले भी सार्वजनिक हुआ था। माननीय उच्च न्यायालय ने जनता की गाढ़ी‌ कमाई के पैसों के गबन के प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच की अनुमति दे दी है। नार्को टेस्ट में प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया‌ था कि उसने कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपए दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए। भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए। दोषियों को सज़ा मिलनी ही चाहिए।

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