Donald Trump को बड़ा झटका, हश मनी केस मामले में कोर्ट में सजा बरकरार..
कोर्ट ने हश मनी केस (Hush Money Case) में राष्ट्रपति पद के लिए माफी देने से इनकार कर दिया है, और सजा को बरकरार रखा है।
जनजागरुकता डेस्क। अमेरिका (America) के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। लेकिन इससे पहले, उन्हें एक बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने हश मनी केस (Hush Money Case) में राष्ट्रपति पद के लिए माफी देने से इनकार कर दिया है, और सजा को बरकरार रखा है। दरअसल, ट्रंप ने इस मामले को खारिज करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। उनके वकीलों ने तर्क दिया कि इस मामले के चलते ट्रंप की राष्ट्रपति के रूप में क्षमता प्रभावित होगी, और वे सरकार को सही तरीके से नहीं चला पाएंगे। हालांकि, जज जुआन मर्चान ने इस तर्क को खारिज कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जज मर्चान ने कहा कि ट्रंप के इस मामले पर राष्ट्रपति को अधिकारिक कृत्यों के लिए मिली प्रतिरक्षा का नियम लागू नहीं होता, क्योंकि यह पूरी तरह से अनौपचारिक आचरण से जुड़ा है। इसके लिए प्रतिरक्षा सुरक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। इस फैसले के बाद अब यह संभावना बढ़ गई है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पहले राष्ट्रपति हो सकते हैं, जो किसी गंभीर अपराध में दोषी ठहराए जाने के बावजूद राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। ट्रंप अपने खिलाफ लगे हश मनी के आरोपों को खारिज कर चुके हैं।
हश मनी क्या है?
हश मनी एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें किसी व्यक्ति या पार्टी को एक राशि या अन्य प्रलोभन दिया जाता है ताकि वह किसी शर्मनाक मामले या कानूनी मुद्दे पर चुप्पी साधे। यह राशि आमतौर पर किसी असंतुष्ट विरोधी को शांत करने के लिए दी जाती है।