जानकारी छुपाई, पद पर आसीन होने के साल भर बाद मेयर अयोग्य घोषित
चुनाव में पर्चा भरने के दौरान छुपाई थी 3 बच्चों के बारे में जानकारी। मामले की शिकायत व जांच के बाद छपरा नगर निगम की अध्यक्ष राखी गुप्ता को चुनाव आयोग ने पद से हटाया।
बिहार, जनजागरुकता डेस्क। छपरा से मामला सामने आया है कि नगर पालिका अध्यक्ष पद पर बने रहने के एक साल बाद उसे हटाने की कार्रवाई की गई है। चुनाव से पहले पर्चा भरने के दौरान व्यक्तिगत पारिवारिक जानकारी छुपाने पर चुनाव आयोग ने कार्रवाई की है।
मामले के अनुसार छपरा नगर निगम की मेयर रहीं राखी गुप्ता 3 बच्चों की मां है। पर उन्होंने यह बात चुनाव आयोग से छुपाए रखी। इस कारण से उसे अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है। चुनावी हलफनामे में उन्होंने 2 बच्चों का ही जिक्र किया था। उसके बाद उनके हलफनामे को चुनौती दी गई। प्रार्थी ने चुनाव आयोग में केस दर्ज कराया, जिसकी जांच के बाद आयोग ने शिकायत रही पाई।
रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात में सबूत
छपरा रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के मुताबिक उनके 3 बच्चे हैं। राखी ने हलफनामे में तीसरे बच्चे की जानकारी नहीं दी थी। ऐसे में बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक राखी को अयोग्य करार दिया गया। उन्हें मेयर पद के लिए अयोग्य घोषित किया गया। दिसंबर 2022 में राखी ने निगम से मेयर का चुनाव जीता था।
ये है बिहार नपा अधिनियम
जानकारी के मुताबिक बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 (1) (एम) के मुताबिक, अगर किसी नागरिक को 4 अप्रैल, 2008 के बाद तीसरी संतान हुई, तो वह नगर पालिका निर्वाचन में चुनाव नहीं लड़ सकता है। इस अधिनियम में ही यह भी स्पष्ट किया गया था कि 2 से अधिक संतान वाले लोग अगर किसी को बच्चा गोद दे देते हैं तब भी वो उस बच्चे के जैविक माता-पिता माने जाएंगे।