CG Assembly Winter Session : विधायक Dharamlal Kaushik ने उठाया जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का मुद्दा..

प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाया।

CG Assembly Winter Session : विधायक Dharamlal Kaushik ने उठाया जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का मुद्दा..
CG Assembly Winter Session: MLA Dharamlal Kaushik raised the issue of corruption in Jal Jeevan Mission

रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ विधानसभा (CG Assembly) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) का आज दूसरा दिन है। प्रश्नकाल की शुरुआत जल जीवन मिशन में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे से हुई। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक (Dharamlal Kaushik) ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार की पुष्टि होने के बावजूद केवल अनुबंध रद्द किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अरबों का काम कराया गया है और ऐसे में केवल ब्लैकलिस्ट करना पर्याप्त नहीं है। कौशिक ने ईडी जांच और एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इस पर मंत्री अरुण साव ने जवाब देते हुए कहा कि जांच समिति मामले की पड़ताल कर रही है और रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। धरमलाल कौशिक ने जांच के लिए समय सीमा तय करने की मांग की।

प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाया। उन्होंने प्रगतिरत कार्यों की सूची में 100 प्रतिशत पूर्ण बताए गए कामों पर सवाल खड़े किए और स्पष्टिकरण मांगा। मंत्री अरुण साव ने बताया कि सूची में दर्ज प्रगति भौतिक कार्यों की है, जबकि भुगतान अभी बाकी है।

अजय चंद्राकर ने पूछा कि रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत कितने कार्यों की कितनी बार पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है। मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि कुल 230 कार्यों में से 56 कार्यों को पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई है। हालांकि चंद्राकर के कुछ अन्य सवालों पर मंत्री सही जवाब नहीं दे सके और बाद में जानकारी देने का आश्वासन दिया। चंद्राकर ने रायपुर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 24 घंटे पानी आपूर्ति की योजना को लेकर भी सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 2016 से लागू है, लेकिन इसे पूरा करने की समय-सीमा क्या है और अब तक कितने घरों तक पानी पहुंचा है। मंत्री साव ने बताया कि इस योजना के लिए 158.59 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिसका कार्यादेश 31 मार्च 2022 को जारी हुआ था। उन्होंने कहा कि अब तक 109.61 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। परियोजना को मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।

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