किसानों की आय में वृद्धि की नई पहल ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘

मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय, ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ को 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति बनी।

किसानों की आय में वृद्धि की नई पहल ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘

योजना के तहत 5 वर्षों में 1.80 लाख एकड़ में 15 करोड़ पौधों का रोपण

किया जाएगा, इससे 5 हजार करोड़ रुपए के आय की संभावना

रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ में किसानों की आय में वृद्धि की नई योजना बनाई गई है। इसके लिए ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ लागू की जा रही है। मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ को 2023-24 से लागू करने की स्वीकृति बनी है।

सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में कृषकों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय के तहत कृषकों की आय में वृद्धि की योजना है। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ में भाग लेने के इच्छुक कृषक अथवा संस्था अपने क्षेत्र के वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय में सम्पर्क कर आगामी वर्ष में रोपण के लिए आवश्यक पौधों की जानकारी सहमति पत्र के साथ दे सकते हैं। 

गौरतलब है कि इस योजना में कृषकों के निजी भूमि में प्रतिवर्ष 36 हजार एकड़ के मान से 5 वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ वाणिज्यिक वृक्ष प्रजातियों (क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, मिलिया डूबिया एवं अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजाति) का रोपण किया जाएगा। 

पौधा रोपण के लिए मिलेगा अनुदान भी

इसमें सभी वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें तथा भूमि अनुबंध धारक जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, इस योजना के हितग्राही होंगे। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को 5 एकड़ तक भूमि पर (अधिकतम 5000 पौधे) पौधों के रोपण के लिए 100 प्रतिशत तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि पर रोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान दिया जाएगा।

परिपक्व वृक्षों को समर्थन मूल्य पर खरीदेगा शासन

इस योजना में सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों की सहभागिता का प्रस्ताव है। उनके द्वारा वित्तीय सहभागिता के साथ शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर हितग्राहियों के वृक्षों की वापस खरीद का प्रस्ताव भी दिया गया है। सहयोगी संस्था अथवा निजी कम्पनियों की सहभागिता से कृषकों को उनके उत्पाद के लिए सुनिश्चित बाजार उपलब्ध होगी तथा शासन पर वित्तीय भार भी कम होगा। टिशू कल्चर सागौन, टिशू कल्चर बांस एवं मिलिया डूबिया वृक्षों के परिपक्व होने के बाद निर्धारित समर्थन मूल्य पर शासन द्वारा क्रय किया जाएगा।

..ऐसा हुआ तो 5000 करोड़ की आय होगी

राज्य में इस योजना के अंतर्गत कुल 5 वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ में रोपित 15 करोड़ पौधे परिपक्व होने के बाद हितग्राहियों को लगभग 5000 करोड़ की आय प्राप्त होने की संभावना है। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ के क्रियान्वयन से प्रति वर्ष लगभग 30 हजार किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के क्रियान्वयन से हितग्राहियों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रुपए तक आय की प्राप्ति होगी। वाणिज्यिक वृक्षारोपण के रकबे में वृद्धि से काष्ठ आधारित उद्योगों जैसे पेपर मिल, प्लाईवुड, फर्नीचर, विनियर इत्यादि के लिए कच्चे माल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। नए उद्योगों की स्थापना से स्थानीय निवासियों के रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी तथा विभिन्न करों के माध्यम से शासन को अधिक राजस्व की प्राप्ति होगी।

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