नियमितीकरण के लिए आरपार की लड़ाई, सीएम हाउस घेराव से पहले संविदा कर्मियों को पुलिस ने घेरा

संविदा कर्मचारियों ने सामूहिक त्यागपत्र देने की चेतावनी दी है। “मुख्यमंत्री निवास घेराव” के लिए निकले तो रेलवे लाइन के पास पुलिस ने रोक दिया। गुस्साए कर्मचारियों ने ज्ञापन फाड़कर जला दिया।

नियमितीकरण के लिए आरपार की लड़ाई, सीएम हाउस घेराव से पहले संविदा कर्मियों को  पुलिस ने घेरा

रायपुर, जनजागरुकता। प्रदेश भर से शासकीय विभागों में अपनी नियमितिकरण की आस में दशकों से काम कर रहे कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ गुस्सा साफ दिख रहा है। आज शुक्रवार को राज्य सरकार से अपना वादा निभाओ की मांग करते हुए संविदा कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री निवास घेरने के लिए निकले। पर उन्हें भारी पुलिस बल ने रोक लिया।

अपने भविष्य की चिंता में संविदा कर्मी राज्य की कांग्रेस सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं। पर लाखों परिवार से जुड़े भविष्य के मामले पर भी कर्मचारियों की उपेक्षा से वे काफी नाराज हैं। इसलिए वे आज सीएम हाउस की ओर जा रहे थे कि कर्मचारियों को रेलवे लाइन के पास पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान सक्षम प्राधिकारी द्वारा ज्ञापन नहीं लेने आने पर गुस्साए कर्मचारियों ने ज्ञापन फाड़कर वहीं जला दिया।

प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों (संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका) अपने नियमितीकरण सहित 4 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

ज्ञापन फाड़कर जला दिया

“छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवं छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन” के संयुक्त तत्वावधान में 14 जुलाई को धरना-प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री निवास घेराव के लिए निकले, पर पुलिस प्रशासन ने रोक लिया। जहां गुस्साए कर्मचारियों ने ज्ञापन फाड़कर जला दिया।

आंदोलन को इन पार्टियों ने दिया समर्थन

प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन रामकुमार सिन्हा ने बताया कि आन्दोलन को समर्थन देने प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी अरुण साव, प्रदेश अध्यक्ष, जोगी जनता कांग्रेस पार्टी अमित जोगी, प्रदेश अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी हेमंत पोयम, प्रदेश संयोजक आप पार्टी कोमल हुपेंडी एवं सांसद कोकराझार आसाम नवा कुमार सारानिया पहुंचे थे। इन्होंने अनियमित कर्मचारियों की मांगों को चुनावी घोषणा पत्र में सम्मिलित करने की बात कही है। वहीं सांसद नवा कुमार सारानिया ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं को संसद में उठाने की बात कही|

10 हजार कर्मचारी प्रदर्शन में शामिल

सह संयोजक छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा प्रेम प्रकाश गजेन्द्र ने बताया कि प्रदेश के शासकीय 48 प्रशासनिक विभागों, 650 से अधिक शासकीय कार्यालयों के 60 से अधिक सहयोगी संगठनों/विभागों के 10 हजार से अधिक कर्मचारी इस आन्दोलन में सम्मिलित हुए।

janjaagrukta.com