पहले हम घर चलाते थे, अब उद्योग भी चला रहे हैं
सीएम ने हमें रोजगार ही नहीं दिया, हमें उद्यमी भी बना दिया। अब शहरों से ही नहीं, रीपा के चलते गांव से भी उद्यमी तैयार हो रहे हैं।
बिलासपुर, जनजागरुकता। पहले हम पूरी कुशलता और दक्षता से घर चलाते थे लेकिन अब उद्योग भी चला रहे है....यह कहना है आत्मविश्वास से लबरेज जय भारत महिला स्व सहायता समूह की सदस्य आरती धीवर का। वे कहती हैं कि महिलाओं की कुशलता और दक्षता को सीएम भूपेश बघेल ने समझा है और हमें मौका दिया है खुद को साबित करने का। सीएम भूपेश बघेल ने रीपा योजना शुरू कर हमें आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने का अवसर दिया है।
अकलतरी, बिल्हा की महिलाएं इन दिनों विश्वास से भरी हुई है। वे रोजगार मांगने नहीं जा रही हैं, वे लोगों को रोजगार दे रही है। रीपा से उनका सपना सच हुआ है। उन्होंने ऐसे क्षेत्र में अपना काम आरंभ किया है, जहां मांग ज्यादा थी लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। यह क्षेत्र था केटल फीड का। अकलतरी की महिलाओं ने इसका उद्यम डाला और आर्डर इतना आ गया कि उनके पास काम ही काम है। ग्रामीणों इलाकों में विकास की बयार बह रही है। महिलाओं और युवाओं के सपने अब हकीकत में तब्दील हो रहे हैं। आरती धीवर के साथ-साथ समूह की अन्य 7 महिलाएं इस गतिविधि से जुड़ी हुई है।
इस यूनिट की प्रतिमाह निर्माण क्षमता 4 सौ से 15 सौ क्विंटल है
अकलतरी ग्राम में रीपा के तहत पशु आहार निर्माण इकाई की स्थापना की गई है। क्षेत्र के दूध उत्पादक पशु पालकों द्वारा पशु आहार की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संचालित इस गतिविधि से ग्रामीणों महिलाओं को रोजगार मिला है। पशुपालन विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में समूह द्वारा उच्च गुणवत्ता के संतुलित पशु आहार निर्माण का कार्य प्रारंभ कर क्षेत्र के पशुपालकों को बिक्री की जा रही है। अब तक इन महिला समूह द्वारा 172 क्विंटल पशु आहार का निर्माण किया गया है, जिसमें 4 लाख 30 रूपये की बिक्री कर ली है। वर्तमान में 100 क्विंटल पशु आहार का आर्डर भी प्राप्त हुआ है। इस यूनिट में मकई दलिया, गेहूं दलिया, कपास खली, कोड़ा खली, कैलशियम एंड विटामिन पाउडर, सरसों खली तथा गुड़ का सीरा आदि मिलाकर पशु आहार तैयार किया जाता है। इस यूनिट की प्रतिमाह निर्माण क्षमता 4 सौ से 15 सौ क्विंटल है।
आत्मनिर्भर बनने की राह में अग्रसर
गौरतलब है कि सीएम भूपेश बघेल ने 12 मई को अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान अकलतरी रीपा में संचालित गतिविधियों की सराहना भी की थी। रीपा ने ग्रामीण महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार उपलब्ध कराया साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भर बनने की राह में अग्रसर किया।