73 साल की उम्र में मशहूर तबला वादक Zakir Hussain का निधन..

जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) का करियर न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत तक सीमित रहा, बल्कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर भी प्रसिद्धि पाई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें व्हाइट हाउस में ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया था। जाकिर हुसैन ने लगभग 12 फिल्मों में भी अभिनय किया।

73 साल की उम्र में मशहूर तबला वादक Zakir Hussain का निधन..
Famous tabla player Zakir Hussain dies at the age of 73

जनजागरुकता डेस्क। प्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन (Tabla player Zakir Hussain) का सोमवार को सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल (hospital) में निधन हो गया। उनके परिवार ने इस दुखद खबर की पुष्टि की है। परिवार के अनुसार, उनकी मौत का कारण इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जुड़ी जटिलताएं थीं। 73 वर्षीय जाकिर हुसैन पिछले दो सप्ताह से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।

जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई के माहिम में हुआ था। बचपन से ही उन्हें तबला बजाने का शौक था। तीन साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता से मृदंग बजाना सीख लिया था और 12 साल की उम्र में ही वे संगीत कार्यक्रमों में प्रस्तुति देने लगे थे। उन्होंने माहिम के सेंट माइकल स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की और ग्रेजुएशन सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई से किया। इसके बाद उन्होंने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) का करियर न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत तक सीमित रहा, बल्कि उन्होंने वैश्विक स्तर पर भी प्रसिद्धि पाई। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें व्हाइट हाउस में ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में प्रदर्शन के लिए आमंत्रित किया था। जाकिर हुसैन ने लगभग 12 फिल्मों में भी अभिनय किया।

जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) भारतीय शास्त्रीय संगीत के महानतम कलाकारों में से एक थे। उन्हें 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण, और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। छह दशकों के अपने शानदार करियर में उन्होंने पांच ग्रैमी अवॉर्ड सहित कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान हासिल किए। वे महान तबला वादक अल्लाह राखा के पुत्र थे। पिछले साल भी उन्हें तीन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले थे। उनकी मौत से संगीत जगत में एक अपूरणीय क्षति हुई है।

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