मणिपुर हिंसा : 3 पूर्व जजों की कमिटी गठित, सीबीआई जांच की निगरानी आईपीएस अधिकारी करेंगे- सुप्रीम कोर्ट
मणिपुर पिछले 3 महीने से हिंसा की आग में जल रहा है। सुको के अनुसार मामले पर पूर्व जजों की कमेटी जांच के साथ राहत और पुनर्वास का काम भी देखेगी।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। मणिपुर पिछले 3 महीने से अधिक समय से हिंसा की आग में झुलस रहा है। मणिपुर में हो रहे जातीय और सांप्रदायिक हिंसा मामले की सुनवाई देश की सबसे बड़ी अदालत आज कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार का पक्ष सुनने के बाद कहा कि सीबीआई जांच की निगरानी आईपीएस अधिकारी करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा, जांच के स्तर पर मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया है, लेकिन कानून के शासन में विश्वास सुनिश्चित करने के लिए यह निर्देश देने का प्रस्ताव है कि कम से कम डिप्टी एसपी रैंक के 5 अधिकारी होंगे जिन्हें विभिन्न राज्यों से सीबीआई में लाया जाएगा।
42 एसआईटी ऐसे मामलों को देखेगी जो सीबीआई को हस्तांतरित नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ये अधिकारी सीबीआई के बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक ढांचे के दायरे में काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि 42 एसआईटी ऐसे मामलों को देखेगी जो सीबीआई को हस्तांतरित नहीं किए गए हैं।
हिंसा की जांच के लिए 3 पूर्व जजों की कमेटी गठित
शीर्ष अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मणिपुर हिंसा की जांच के लिए 3 पूर्व जजों की कमेटी गठित करेगा। कमेटी जांच के साथ राहत और पुनर्वास का काम भी देखेगी। तीन पूर्व न्यायाधीशों की समिति की अध्यक्षता न्यायमूर्ति गीता मित्तल करेंगी और इसमें न्यायमूर्ति शालिनी जोशी, न्यायमूर्ति आशा मेनन भी शामिल होंगी।
हिंसा प्रभावित छह जिलों के लिए अलग एसआईटी होगी
मणिपुर हिंसा मामले पर सुनवाई के दौरान सोमवार को सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा, हिंसा प्रभावित छह जिलों के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) होगी।
जिला स्तर पर गठित की जाएंगी एसआईटी
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इन एसआईटी की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे। यह एसआईटी हिंसा की जांच करेगी। महिलाओं से संबंधित अपराधों की जांच के लिए सिर्फ महिला पुलिस अधिकारियों वाली एसआईटी गठित की जाएगी।डीआईजी और डीजीपी स्तर के पुलिस अधिकारी इन एसआईटी के कामकाज की निगरानी करेंगे। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि मणिपुर में हालात काफी तनावपूर्ण हैं और ऐसे में कोई भी बाहर से निर्देशित जांच लोगों में विश्वास बढ़ाने में सहायक नहीं होगी।