धान खरीदी ...फिंगेश्वर जनपद की बैठक में उठे विचारणीय मुद्दे
समिति प्रबंधकों ने कहा- प्रासंगिक व्यय के 12 रुपए में 11.50 रुपए तो मजदूरों को ही चले जाते हैं, सूखत के नाम पर एफआईआर का मुद्दा भी उठाया।
फिंगेश्वर, जनजागरुकता। मंगलवार 1 नवंबर से से शुरू हो रही धान खरीदी की तैयारी व व्यवस्थाओं को लेकर जनपद पंचायत फिंगेश्वर के सभागार में सहकारिता विभाग की जनपद सभापति अर्चना दिलीप साहू ने एक दिन पूर्व सोमवार को आवश्यक बैठक आहूत की। बैठक में फिंगेश्वर ब्लाक के अंतर्गत सभी उपार्जन केंद्र प्रभारियों व समिति के व्यवस्थापकों ने खरीदी के दौरान आने वाली कठिनाइयों को खुलकर रखा।
बैठक में अर्चना साहू ने सभी समिति प्रबंधकों को निर्देशित किया कि कोई भी किसान पंजीयन से वंचित न हो, पर्याप्त मात्रा में बरदाना का भंडारण हो, रेगा लेकर खेती करने वाले किसान भी पंजीयन से वंचित न रहें, इलेक्ट्रॉनिक कांटा को चेक कर ही उपयोग करें। टोकन की उचित व्यवस्था के साथ ही यह भी निर्देशित किया कि इस वर्ष टोकन एप लांच किया गया है जिससे किसान ऑनलाइन टोकन कटवा कर उपार्जन केंद्र में अपना धान बेच सकते हैं।
धान न बेच पाने पर भी प्रति एकड़ मिलेंगे 9 हजार
उन्होंने कहा कि इस वर्ष किसानों को समर्थन मूल्य और न्याय योजना के तहत धान की कुल कीमत 2640 व 2660 रुपए मिलेगी। अगर कोई पंजीकृत किसान अगर धान नहीं बेच पाता तब भी वे किसान को राजीव गांधी न्याय योजना के तहत भूपेश बघेल सरकार द्वारा प्रति एकड़ 9 हजार रुपए के पात्र होंगे। इस बैठक में सहकारिता विभाग के सीईओ मोहित राम गड़तिया ने बताया कि इस वर्ष फिंगेश्वर ब्लाक में 2200 किसानों ने नया पंजीयन कराया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के शाखा प्रबंधकों को सभापति अर्चना साहू ने निर्देशित किया कि किसानों की बैंक में भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त पेमेंट काउंटर साथ ही पासबुक एंट्री व्यवस्था सुनिश्चित हो।
विधायक अमितेष शुक्ल से मांग- प्रति क्विंटल प्रासंगिक व्यय के 12 रुपए को
35 रुपए किया जाए, सूखत के नाम पर प्रबंधकों पर एफआईआर न हो
खरीदी के दौरान आने वाली विभिन्न समस्याओं को लेकर विधायक के नाम ज्ञापन सौंपते हुए किसान।
समिति प्रबंधकों द्वारा अर्चना साहू को धान खरीदी में आने वाली परेशानियों से अवगत कराते हुए विधायक विधायक अमितेष शुक्ल के नाम विभाग के सीईओ को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि समिति को धान खरीदी हेतु प्रति क्विंटल प्रासंगिक व्यय हेतु 12 रुपए दिया जाता है, उसे बढ़ाकर 35 रुपए करने की मांग की गई, क्योंकि 12 रुपए में से 11.50 रुपए तो मजदूरों की मजदूरी ही निकल जाती है। साथ ही धान की सूखत स्थिति पर समिति प्रबंधकों पर की जाने वाली एफआईआर पर रोक लगाई जाए। वहीं परिवहन व्यवस्था सुचारू रूप से सुनिश्चित करने की भी मांग की गई। इन सभी विषयों को गंभीरता से लेते हुए अर्चना साहू ने विधायक, अनुविभागीय अधिकारी पूजा बंसल को भी दूरभाष पर इसकी सूचना दी।
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