क्रेज खत्म सा.. अब कोई भी बन सकता है इंजीनियर
कुछ साल पहले प्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेजों की बाढ़ सी आ गई थी। आज की स्थिति में इसका क्रेज खत्म सा हो गया है। एक बैच भरने के लिए कवायद करनी पड़ रही है।
रायपुर, जनजागरुकता। वर्तमान समय में प्रदेश में इंजीनियरिंग की मांग नहीं के बराबर हो चुकी है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में खुले दर्जनों कॉलेजों की स्थिति साल दर साल खराब होती जा रही है। अब स्थिति ऐसी हो गई है कि एक बैच भी नहीं भर पा रहे हैं। इस वजह से भर्ती के लिए भी विद्यार्थियों के आधार भर्ती का प्रतिशत भी काफी नीचे चला गया है।
इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती के लिए कुछ साल पहले तक होड़ सी मची रहती थी। प्री इंजीनयरिंग टेस्ट पीईटी के फॉर्म आने से लेकर कॉउंसलिंग तक कॉलेज में प्रवेश तक का सफर बेहद ही कठिन होता था। लेकिन आज की स्थति शून्य तक पहुंच चुकी है। ऐसे में आखिरकार स्थिति ये आ गई है कि जब इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए जीरो के बच्चे भी प्रवेश पा सकते हैं।
बैच भरने की कवायद
छत्तीसगढ़ में दर्जनों इंजीनियरिंग कॉलेजों ने प्रदेश में इंजीनियरिंग का क्रेज ख़त्म कर दिया है। बता दें कि इससे पहले इंजीनियरिंग में प्रवेश पाने के लिए केवल 10 प्रतिशत नंबर की आवश्यकता थी। लेकिन अब 0 पा गए तो भी आपको आसानी से प्रवेश मिल सकता है। बताया जा रहा है कि इस सत्र में आधी से भी ज्यादा सीट खली पड़ी है। तकनिकी शिक्षा संचनालय द्वारा नए नियमों के संबंध में जानकारी देने के लिए बैठक ली जाएगी। 18 जुलाई को इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक बुलाई गई है।