मैत्री बाग में सफेद शेर का कुनबा बढ़ा, 3 नन्हें शावकों का जन्म
इन शावकों को बड़ी सावधानी के साथ डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है।
भिलाई, जनजागरुकता। देश का प्रसिद्ध मैत्रीबाग में सफेद शेर का कुनबा बढ़ा है। 3 नन्हें शावकों का जन्म हुआ। है वर्तमान में उसे बड़ी सावधानी के साथ डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है। मैत्री बाग उद्यान विभाग प्रबंधन के उप महाप्रबंधक डॉ. एनके जैन के अनुसार डेढ़ माह पूर्व मादा शेर रक्षा ने 3 नन्हें शावकों को जन्म दिया है।
पिता का नाम सुलतान है। इसके एक साल पहले भी शावक रोमा ने भी एक नन्हें शावक को जन्म दिया गया था। उसके पिता भी सुलतान ही थे। बता दें कि नियमानुसार जन्म के बाद चार माह तक नन्हें शावकों को मां के सानिध्य में डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा जाता है। स्तनपान कराने एवं अन्य कारणों से डार्क रूम में सुरक्षित रखा जाता है।
4 माह बाद ही बाहर लाए जाएंगे शावक
मैत्री बाग में जन्मे नन्हें शावकों को भी डॉक्टर द्वारा अपनी निगरानी में रखा गया है और मेडिसिन के रूप में उन्हें विशेष प्रकार की विटामिन युक्त दवाइयां दी जा रही हैं जिससे कि वे हष्ट-पुष्ट और सेहतमंद रह सके। मैत्रीबाग प्रबंधक के अनुसार शावकों के जन्म से 4 माह बाद ही पर्यटकों के देखने के लिए बाहर लाया जाएगा।
सफेद शेरों के लिए मैत्रीबाग में है अनुकूल वातावरण
बता दें कि 1997 में सफ़ेद शेर का एक जोड़ा नंदन कानन चिड़िया घर भुनेश्वर से मैत्रीबाग लाया गया था। अनुकूल वातावरण और बेहतर रख-रखाव के कारण यहां सफ़ेद शेरों की वंश वृद्धि लागातार होती रही। पूर्व में भी मैत्रीबाग में 12 से भी अधिक सफ़ेद बाघों का प्रजनन कराया गया है। यहां प्रजनन क्षमता एवं वंश वृद्धि के दृष्टिगत ही पूरे देश भर में मैत्री बाग के सफ़ेद शेरों की बेहद मांग है जिसे मैत्रीबाग प्रबंधन ने सेंट्रल जू ऑथारिटी के नियमानुसार देश के 05 से भी अधिक चिड़ियाघरों के साथ विनिमय किया है। पूर्व के 6 शेरों और 3 नन्हें शावकों को मिलाकर मैत्री बाग चिड़ियाघर में शेरों की कुल संख्या 9 हो गई है।