यूपी में सीट बंटवारे को लेकर सपा पर निर्भर कांग्रेस
कांग्रेस और सपा के बीच सीट शेयरिंग का गणित चुनाव के करीब आते-आते उलझता जा रहा है। सपा-बसपा का साथ भी ना मिला तो कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी।
लखनऊ, जनजागरुकता डेस्क। लोकसभा में सबसे ज्यादा सीटें देने वाले उत्तर-प्रदेश में इंडिया गठबंधन को सीट बांटने में दिक्कते आ रही हैं। कांग्रेस और सपा के बीच सीट शेयरिंग का गणित चुनाव के करीब आते-आते उलझता जा रहा है। इस बातचीत में सबसे ज्यादा दिक्कतें यूपी में आने वाली हैं। यहां पर सपा कांग्रेस को पांच से सात सीटे देने के मूड में है।
यदि ऐसा हुआ तो प्रदेश में यह गठबंधन टूट सकता है और कांग्रेस अकेले ही चुनावों में जा सकती है।यहां पर कांग्रेस समाजवादी पार्टी की दया पर निर्भर नहीं रहेगी। अगर कांग्रेस को बसपा का साथ नहीं मिला तो अकेले चुनाव लड़ेगी ।
सपा इंडिया एलायंस से सीटें मांगेगी नहीं बल्कि उसे देगी
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीते दिनों बयान दिया कि उनकी पार्टी इंडिया एलायंस से सीटें मांगेगी नहीं बल्कि उसे देगी। उनके इस बयान को कांग्रेस के साथ हो रही सीट शेयरिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के घोसी और बागेश्वर सीटों को चुनाव परिणाम को लेकर दिए गए बयान के बाद राज्य स्तर पर दोनों पार्टियों के बीच में एक मौन तल्खी बनी हुई है। हालांकि कांग्रेस की टॉप लीडरशिप इस मामले में बिल्कुल खामोश है।
सीट बटवारें को लेकर कांग्रेस- सपा में टसल
सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन तो चाहती है लेकिन वह कांग्रेस का राजनीतिक रसूख 2019 के लोकसभा चुनावों के अनुसार तय करना चाहती हैं। जहां कांग्रेस को एकलौती रायबरेली की सीट मिली थी। खुद राहुल अपनी सीट हार गए थे। कांग्रेस भी एलायंस चाहती है लेकिन उसके दिमाग में 2009 के लोकसभा चुनाव में जीती हुई सीटें हैं। जहां उसने अपने बूते 21 सीटें हालिस की थीं। कांग्रेस इस गठबंधन में 15 से 20 सीटें हासिल करना चाहती है। सारा पेंच यही पर है। दोनों पार्टियां सीट शेयरिंग के मुद्दे पर दो अलग-अलग पिचों पर हैं।
यूपी में कांग्रेस चाहती है सम्मनजनक सींटे
कांग्रेस ने तीन कैटेगरी में पूरे यूपी को बांट रखा है। उसने 30 सीटें ऐसी चुनी हैं जहां पार्टी पूरी ताकत के साथ लड़ना चाहती है। वह इसे ए कैटेगरी की सीटें मान रही है। बी कैटेगरी की सीटें वह सीटें जहां पार्टी ने बीते चुनावों में सम्मानजनक सीटें पायी थीं। इनकी भी संख्या 30 है। बाकी बची सीटें सी कैटेगरी की हैं। जहां पार्टी को बहुत उम्मीदें नहीं है। गठबंधन ना हो पाने की दशा में भी कांग्रेस साथी पार्टियों के लिए बीजेपी को हराने के लिए वहां डमी कैंडीटैड देगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कहते हैं कि पार्टी अपनी पूरी ताकत ए और बी कैटेगरी की सीटों में लगा रही है। हम गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं लेकिन प्रतिष्ठा से कम सीटें मिलने पर हमारा अकेले चुनाव लड़ने का विकल्प खुला है।