सिग्नल-सर्किट-परिवर्तन में चूक की वजह से हुई बालासोर ट्रेन हादसा- रेल मंत्री वैष्णव

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल दुर्घटना मामले पर राज्यसभा में जवाब दिया। बताया कि सभी मृतकों के परिजनों, घायलों व यात्रियों को मुआवजा दिया जा चुका है।

सिग्नल-सर्किट-परिवर्तन में चूक की वजह से हुई बालासोर ट्रेन हादसा- रेल मंत्री वैष्णव

नई दिल्ली, जनजागरुकता। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में शुक्रवार को कहा कि सिग्नल-सर्किट-परिवर्तन में चूक की वजह से 2 जून को ओडिशा के बालासोर में दुखद ट्रिपल ट्रेन हादसा हुआ। अपने लिखित जवाब में वैष्णव ने कहा कि पिछली दुर्घटना सिग्नलिंग-सर्किट में बदलाव में खामियों के कारण हुई थी। 

बालासोर दुर्घटना में 295 यात्रियों की जान चली गई और 176 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव  ने दो जून को ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना को लेकर विभिन्न सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। 

5 घटनाओं में इंटरलॉकिंग सिग्नल सिस्टम में खराबी नहीं

रेल मंत्री श्री वैष्णव ने कहा कि रेलवे में बीते पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं, लेकिन इंटरलॉकिंग सिग्नल सिस्टम में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई। दुर्घटना तब हुई जब शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई और उसके डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गए और विपरीत दिशा से आ रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट से टकरा गए। अपने लिखित जवाब में वैष्णव ने कहा कि पिछली दुर्घटना सिग्नलिंग-सर्किट में बदलाव में खामियों के कारण हुई थी।

पिछले 5 सालों में 13 बार हुई सिग्नलिंग खराबी

एक अलग सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'पिछले 5 वर्षों में सिग्नलिंग खराबी की कुल संख्या 13 है।' उन्होंने सदन को बताया कि बालासोर दुर्घटना में मारे गए 41 लोगों के अवशेषों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। 

ट्रेन हादसे में पीड़ित परिवारों को दिया मुआवजा

वैष्णव ने सदन को यह भी बताया कि 16 जुलाई तक प्रत्येक मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2-2 लाख रुपये और प्रत्येक यात्री को 50,000 रुपये का भुगतान किया गया है। 

अज्ञात यात्रियों के शवों को रखा गया है सुरक्षित

उन्होंने कहा कि अज्ञात यात्रियों के शवों को एम्स, भुवनेश्वर में चिकित्सकीय रूप से निर्धारित तरीके से रखा गया है। सीएफएसएल नई दिल्ली में विश्लेषण के लिए डीएनए नमूने लिए गए हैं।

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