बड़ी उपलब्धि- केंद्रीय पुल में सबसे ज्यादा धान देने वाला छत्तीसगढ़ दूसरा सबसे बड़ा राज्य बना
सीएम ने ट्वीट कर किसानों को बधाई दी, कहा पुराने रिकॉर्ड टूटने के बाद ये बड़ी उपलब्धि प्रदेश के नाम है। वहीं इस साल खरीदी का नया रिकॉर्ड भी कायम होने वाला है।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन में सेंट्रल पूल में सबसे अधिक धान जमा कराने वाला देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य बन गया है। सीएम भूपेश बघेल ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा है कि लगातार 4 वर्षों से छत्तीसगढ़ कृषि क्षेत्र में लगातार नए-नए कीर्तिमान रच रहा है। यह किसानों की मेहनत और खेती पर लौटे उनके भरोसे का ही परिणाम है। सीएम बघेल ने किसानों को बधाई देते हुए कहा है कि पुराने रिकॉर्ड टूटने के बाद ये एक और बड़ी उपलब्धि है।
सीएम बघेल ने कहा है कि इस साल राज्य में धान खरीदी का भी नया रिकार्ड कायम हो रहा है। कल शाम तक 103 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी थी। उम्मीद है कि निर्धारित अंतिम तिथि 31 जनवरी तक हम 110 लाख मीट्रिक टन के अनुमानित आंकड़े को भी पार कर जाएंगे।
किसान हितैषी नीतियों के चलते जीवन में सुखद बदलाव- सीएम
भारत सरकार द्वारा 15 जनवरी को जारी रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ केंद्रीय पुल में 92 लाख मीट्रिक टन धान का योगदान दे चुका था। इस सीजन में सर्वाधिक धान जमा कराने वाला वह दूसरा प्रदेश बन चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते खेती-किसानी और किसानों के जीवन में सुखद बदलाव आया है।
खेती के रकबे में लगातार वृद्धि
सीएम भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अलावा गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, किसानों की कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी से राज्य के किसानों को एक नई ताकत मिली है, जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या और खेती के रकबे में लगातार वृद्धि हो रही है।
किसानों की पंजीयन संख्या में वृद्धि हुई
छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से इन 4 वर्षों में लगातार किसानों की पंजीयन संख्या में वृद्धि हुई है। इस वर्ष 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, इनमें 2.30 लाख नए किसान हैं। किसानों को धान विक्रय में सहूलियत हो इस लिहाज से इस साल राज्य में 135 नए उपार्जन केन्द्र शुरू किए गए, जिसके कारण कुल उपार्जन केंद्रों की संख्या 2617 हो गई है।
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