स्वार्थ में फिर गिरा चीन, पाक के साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर डाला बाधा

भारत ने सदस्य देशों की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाया है। बता दें साजिद मीर भारत के मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल है। मुंबई में 26/11 हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी साजिद का हाथ था।

स्वार्थ में फिर गिरा चीन, पाक के साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने पर डाला बाधा

न्यूयॉर्क, जनजागरुकता डेस्क। चीन अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर सकता है। यहां तक आतंकियों को पनाह देने में भी वे पीछे नहीं रहता। जिससे वह पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत में आतंकी गतिविधियां संचालित कर यहां की परेशानियां बढ़ा सके। इसलिए चीन की सोच अनेक अवसरों पर सामने आती रहती है। न्यूयार्क में हुई बैठक में यह बात साबित करती है। 

आतंकी साजिद मीर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अड़ंगा लगा दिया है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को रोक दिया है। बता दें साजिद मीर भारत के मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल है। मुंबई में 26/11 हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी साजिद मीर का हाथ था।

वहीं इससे पहले भी 2008 में मुंबई में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने हमला कर लगभग 5 दिनों में 166 से ज्यादा आम लोगों की जान ली थी। इस वजह से भारत आतंकी साजिद मीर को मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल करने मांग रखा था। पर चीन ने अपने स्वार्थ के लिए संयुक्त राष्ट्र में भारत और अमेरिका के प्रस्ताव को रोक दिया है। इससे पहले भी चीन रोड़ा बना था।

सदस्य देशों की इच्छाशक्ति पर ही सवाल

भारत के खिलाफ बार-बार की चीन की हरकत से नाराज भारत ने अब इस बात को लेकर संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की इच्छाशक्ति पर ही सवाल उठाया है। यूएन की बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने बात रखी। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि अगर हम स्थापित आतंकियों को यूएन की वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल नहीं करा पा रहे हैं तो यह आतंकवाद की चुनौती से निपटने की इच्छाशक्ति में कमी को दर्शाता है।

आतंकवाद से निपटने की इच्छाशक्ति नहीं

चीन के इशारे पर मीर को आतंकी घोषित नहीं करने पर भारतीय प्रतिनिधि ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। और कड़े शब्दों में कहा, "अगर हम ऐसे स्थापित आतंकी, जिन्हें दुनियाभर में आतंकवादी करार दिया गया है, उन्हें भी कुछ देशों के भू-राजनीतिक हितों के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकी घोषित नहीं करा पा रहे हैं, तो इसका सीधा मतलब है कि हममें आतंकवाद की इस चुनौती से निपटने की असल राजनीतिक इच्छाशक्ति ही नहीं है।"

बार-बार आतंकी का समर्थन कर रहा चीन

वैश्विक आतंकवादी के रूप में मीर को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डालने के प्रस्ताव को ड्रैगन रोक दिया। प्रस्ताव में उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा और हथियार पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई। इसके लिए अमेरिका ने प्रस्ताव पेश किया था और भारत ने उसका समर्थन किया था। मीर के आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका के लिए अमेरिका की ओर से उस पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है।

पाक अदालत ने भी आतंकी घोषित किया है

बता दें कि पिछले साल मीर को पाकिस्तान में एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने आतंक के वित्तपोषण मामले में 15 साल से अधिक समय के लिए जेल की सजा सुनाई थी। इससे पहले पाक अधिकारियों ने दावा किया था कि मीर की मौत हो चुकी है, लेकिन पाकिस्तान इसे साबित नहीं कर सका।

साजिद मीर की ऑडियो क्लिप पकड़ी थी

इससे पहले अक्टूबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा किया था। इसमें बताया गया कि आतंकियों के आका मुंबई हमले की साजिश रच रहे थे। इस संबंध में भारत ने अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सामने एक ऑडियो क्लिप भी चलाई थी। जिसमें साजिद मीर आतंकियों से हमली की बात कह रहा था।

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