मन की बात में पीएम मोदी ने जल संरक्षण के लिए बालोद की ग्रीन कमांडो की तारीफ की
पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के युवाओं ने पानी बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया है जो सराहनीय है।
बालोद, जनजागरुकता। मन की बात के 101वीं कड़ी में आज पीएम नरेंद्र मोदी ने बालोद जिले के ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में टीम के जल संरक्षण को लेकर किए जा रहे काम का जिक्र किए। पीएम मोदी ने ऐसे सार्थक प्रयास को लेकर नेशनल स्तर पर चर्चा कर ग्रीन कमांडो एवं उनकी टीम में नया ऊर्जा का संचार किया है।
पीएम मोदी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के युवाओं ने पानी बचाने के लिए एक अभियान शुरू किया है। घर-घर जाकर लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक करते हैं। आयोजन, समारोह, शादी, मांगलिक कामों में पहुंचकर युवाओं का यह ग्रुप पानी का दुरुपयोग कैसे रोका जा सकता है इसकी जानकारी देता है।
पीएम मोदी युवाओं के जल संरक्षण को लेकर किए जा रहे काम का जिक्र कर सभी से इनसे सीख लेने का संदेश दिया है। बता दें कि जिले के दल्लीराजहरा शहर के वार्ड 17 में दूल्हा संजय कुमार पिता कुंवर सिंह विश्वकर्मा एवं दुल्हन खिलेश्वरी पिता भानेश्वर विश्वकर्मा ने अपनी शादी में दोनों पक्षों के अलावा आसपास के लोगों को जल संरक्षण का संदेश देते हुए प्रेरित किया था कि अपने आस-पास के नल से जल बहने नहीं दें। ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह ने इस शादी में शामिल होकर सभी से जल बचाने के लिए आग्रह किया था।
बच्चों में भर रहे प्रकृति के प्रति प्रेम
बता दें कि ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह सालों से जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार प्रयासरत हैं। लोगों को इसके लिए समय-समय पर जागरूक करते रहते हैं। वे इसके लिए नित नए-नए प्रयास करते रहते हैं। बच्चों को प्रकृति के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी का अहसास कराता है। कभी स्कूलों में जाकर जल संरक्षण के लिए बच्चों को घर-घर जल बचाने का संदेश देते हैं। तो कभी शादी कार्यक्रमों में दूल्हा-दुल्हन को आठवां वचन जल संरक्षण को लेकर देते नजर आते हैं। तो कभी मछली का वेष धारण कर बिन पानी मछली तड़पती है की जानकारी के साथ जागरूकता का संदेश लोगों को देते हैं।
गोल-गोल रानी इत्ता-इत्ता पानी.. से संदेश
कुछ दिनों पहले ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह एवं टीम ने शासकीय प्राथमिक स्कूल लिम्हाटोला के बच्चों के साथ स्कूल से आते-जाते घर-घर जाकर लोगों से नल से बेकार पानी नहीं बहने देने की अपील करते नजर आए थे। वीरेंद्र सिंह ने बच्चों को बताया था कि आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण कितना जरुरी है। बिन पानी सब सुन की जानकारी दी। वहीं खेल-खेल में ड्रेस में जल संरक्षण की पेंटिंग कर बच्चों के बीच गोल-गोल रानी इत्ता-इत्ता पानी का संदेश देते जल बचाने जागरूक किया था।
मूर्छित पक्षी की सेवा की, सकोरे में पानी और दाना भी
कुछ माह पहले डौंडी कॉलेज के सामने किसी गाड़ी से टकराकर कोयली पक्षी घायल अवस्था में ग्रीन कमांडो वीरेंद्र सिंह को मिली। तेज रफ्तार गाड़ियों की आवाजाही के बीच वीरेंद्र सिंह ने पक्षी को देखकर उसे उठाया और पानी पिलाया। छाया में रखकर आराम करने रखा। फिर थोड़ी देर बाद पक्षी उड़ गई। पक्षियों के लिए पेड़ पर घोंसला और मिट्टी के सकोरे में पानी और दाना का इंतजाम करते हैं।
जंगल में जीव-जंतुओं के लिए गड्ढे में पानी डाला
बढ़ते गर्मी में पक्षियों के लिए ग्रीन कमांडो वीरेंद्र अपनी टीम के साथ पेड़ों पर घोंसले के साथ दान-पानी का इंतजाम करते हैं। जंगलों में भी पशु, पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करते हैं। प्यासे जंतुओं को राहत देने जंगलों में गढ्ढा खोदकर पॉलीथीन बिछाकर उसमें पानी भरते हैं।
धरती के अंदर नहीं पहुंच रहा जल
वीरेंद्र सिंह बताते है कि जल संरक्षण के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। दिन प्रतिदिन गिरते जल का स्तर चिंता का विषय है। इसका प्रमुख कारण वर्षा का जल धरती के अंदर तक नहीं पहुंच पाना है। वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि हमें बोरिंग के पास जल सोखता, घरों में रैन वॉटर हार्वेस्टिंग, छत के पानी को कुओं के माध्यम से धरती तक पहुंचाया जा सकता है। इसके अलावा तालाबों का गहरीकरण कर सफाई करने से जल संरक्षण के लिए बेहतर साबित हो सकता है।