सदन की गरिमा बनाए रखना सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की जवाबदारी- लोकसभा अध्यक्ष

लोस अध्यक्ष ओम बिरला ने गुवाहाटी में असम विधानसभा के नए भवन के उद्घाटन अवसर पर सदन को संबोधित किया। कहा योजनाबद्ध व्यवधानों से सदन की गरिमा कम हो रही है।

सदन की गरिमा बनाए रखना सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की जवाबदारी- लोकसभा अध्यक्ष

नई दिल्ली, जनजागरुकता। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि हमारी विधानसभाओं को चर्चा का जीवंत केंद्र बनना चाहिए ताकि शासन जवाबदेह और पारदर्शी हो। उन्होंने यह भी कहा कि सदन में गरिमा बनाए रखना सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी दलों के सदस्यों की जिम्मेदारी है। जनप्रतिनिधि लोगों की आस्था और विश्वास के संरक्षक होते  हैं। समन्वित और योजनाबद्ध व्यवधानों से सदन की गरिमा कम हो रही है। 

योजनाबद्ध व्यवधानों से सदन की गरिमा कम हो रही

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को गुवाहाटी में असम राज्य विधानमंडल के नए भवन का उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर लोकतंत्र को मजबूत करने में जनप्रतिनिधियों की भूमिका को लेकर बिरला ने कहा कि, जनप्रतिनिधि लोगों की आस्था और विश्वास के संरक्षक होते हैं। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि संवाद और चर्चा के स्थान पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालकर, नारेबाजी करके और सदन में तख्तियां दिखाकर असहमति व्यक्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि, समन्वित और योजनाबद्ध व्यवधानों से सदन की गरिमा कम हो रही है।

 

विधानमंडलों में होने वाली चर्चाओं का जनता पर गहरा प्रभाव 

बिरला ने याद दिलाया कि विधानमंडलों में होने वाली चर्चाओं का आम जनता पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने विधि निर्माताओं से लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विधायी मंचों का सदुपयोग करने की अपील की। ओम बिरला ने कहा कि, जनप्रतिनिधियों को रचनात्मक बहस के लिए इन मंचों का उपयोग करना चाहिए।

 

विधायी निकायों की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखने की जरूरत 

लोकसभा अध्यक्ष ने विधायकों से आग्रह किया कि वे विधानमंडलों को केवल भवन के रूप में न देखकर इसे संवाद और चर्चा का पवित्र स्थान मानें, जहां लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाता है और लोकतंत्र की भावना को मजबूत किया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी सदस्यों को राजनीतिक संबद्धता से ऊपर उठकर, विधायी निकायों की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।

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