खसरा नंबर में छेड़छाड़ कर मोपका-चिल्हाटी की जमीन का कर दिया घोटाला, हाईकोर्ट ने खारिज की आरोपियों की जमानत
शासकीय व निजी जमीनों को फर्जी विक्रय पत्र के सहारे अपने नाम पर कराकर उसे बेच दिया गया। इसी तरह आरोपी कुछ और जमीनों को ऐसे ही फर्जीवाड़ा कर बेचने की फिराक में थे।
बिलासपुर, जनजारुकता। मोपका और चिल्हाटी में जमीन घोटाले से संबंधित जमानत याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई, जिसमें आरोपी भोंदूदास, हैरी जोसफ और पटवारी अशोक कुमार जयसवाल की जमानत खारिज हो गई है।
मामले के अनुसार शासकीय व निजी जमीनों को फर्जी विक्रय पत्र के सहारे अपने नाम पर कराकर उसे बेच दिया गया। इसी तरह आरोपी कुछ और जमीनों को ऐसे ही फर्जीवाड़ा कर बेचने की फिराक में थे। मामले में सीएम से शिकायत हुई थी।
शिकायत की गंभीरता के बाद उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया गया था। उसके बाद आईजी ने पुलिस टीम का गठन कर जांच की। इसमें रिपोर्ट के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई। इसमें सुरेश मिश्रा और एक अन्य आरोपी ने जमानत पहले ले लिया इसके चलते भोंदूदास, हैरी जोसफ और अशोक कुमार जायसवाल की ओर से भी जमानत की मांग की गई। इस पर सरकार की तरफ से आपत्ति की गई और कोर्ट को बताया कि ये बहुत बड़ा स्कैम है।
ऐसे छेड़छाड़ कर खसरा नंबर बदला गया
पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। जमीन के विक्रय पत्र को रजिस्ट्री ऑफिस से निकालकर उसमें छेड़छाड़ कर के नाम और खसरा नंबर बदला गया है, जो स्टेट एक्जामिनर रायपुर की रिपोर्ट में आया है। मामले में सभी पक्षो को सुनने के बाद जस्टिस रजनी दुने ने तीनों की जमानत निरस्त कर दी। हैरी जोसफ को एक अन्य मामले (जिसमें वो मुख्य आरोपी हैं) में जमानत मिलने से जमानत का लाभ मिल गया, लेकिन मुख्य प्रकरण में जमानत निरस्त होने से वह जेल में ही रहेगा।