गिरगिट नहीं.. यहां मेंढक बदलते हैं रंग.. चटक रंग.. बेहद आकर्षक..

तालाब, पोखर, नदी, कुंए हो या जलाशयों के किनारों पर अक्सर भूरे और मटमैले रंग के मेंढक देखने को मिलते हैं, लेकिन दुर्ग में बारिश के पानी से भरे गड्ढे में मेंढक को रंग बदलते देखा जा सकता है।

गिरगिट नहीं.. यहां मेंढक बदलते हैं रंग.. चटक रंग.. बेहद आकर्षक..

रायपुर/दुर्ग, जनजागरुकता। प्रकृति के रंग हमेंशा आकर्षित करते हैं। धरती, आकाश, जीव-जंतु सभी में प्रकृति ने अनेक रूप, रंग निर्धारित किए हैं। जिसे देखकर सुकुन मिलता है। मन प्रशन्न हो जाता है।

कई जीवों के साथ कहा जाता है गिरगिट अपना रंग बदलते रहता है। जो आमजन किसी के लिए उदाहरण के तौर पर उपयोग करते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण मेंढकों का सामने आया है। जिसके चटक रंग ने सबको आश्चर्य में डाल रहा है। वहीं कई लोग इनके नयनाभिराम रंगों और पानी में उछलते, कूदते क्रियाकलापों का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं।

बता दें कि तालाब, पोखर, नदी, कुंए हो या जलाशयों के किनारों पर अक्सर भूरे और मटमैले रंग के मेंढक देखने को मिलते हैं, लेकिन दुर्ग में बारिश के पानी से भरे गड्ढों के किनारे पर बेहद आकर्षक रंगों में मेंढक देखने को मिला है।

इसे कहते हैं इंडियन बुल फ्रॉग 

आकार में बड़े ये मेढक गहरे पीले रंग के हैं। आकर्षक इनके रंगों के साथ इनके क्रियाकलापों को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई है। विज्ञान की भाषा में कहें तो यह एक यूनिक नेचुरल फेनोमेना है। इस तरह के पीले रंग के मेंढक को इंडियन बुल फ्रॉग कहा जाता है।

ऐसी है इनकी प्रकृति

जीव विज्ञान के अनुसार यह नर मेंढक होते हैं जो बिलों में रहते हैं और अच्छी बारिश होने पर बाहर निकलते हैं। इनका यह स्वभाव रहता है कि ये मादा मेंढ़क को आकर्षित करने के लिए रंग बदलते हैं। जानकारी अनुसार मादा मेंढक सामान्य रंग के ही होते हैं। मेटिंग, संसर्ग के बाद इन्डियन बुल फ्रॉग यानि पीले रंग के मेंढक का रंग भी सामान्य हो जाता है।

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