DND फ्लाईवे पर नहीं लगेगा टोल, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका..

सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले डीएनडी पुल पर कंपनी टोल टैक्स नहीं वसूल पाएगी।

DND फ्लाईवे पर नहीं लगेगा टोल, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका..
DND फ्लाईवे पर नहीं लगेगा टोल, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका..

उत्तरप्रदेश, जनजागरुकता डेस्क। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा के लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली नोएडा डायरेक्ट फ्लाईवे (DND Flyway) पर टोल टैक्स लगाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया है। 

दरअसल, 9.2 किलोमीटर लंबे और आठ लेन वाले डीएनडी फ्लाईवे पर टोल टैक्स लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2016 के आदेश को चुनौती दी गई थी। दरअसल, हाई कोर्ट के आदेश के तहत यह फ्लाईवे टोल फ्री है। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस फ्लाईवे पर टोल टैक्स लगाने की किसी भी योजना पर ब्रेक लग जाएगा। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2016 के आदेश में डीएनडी फ्लाईवे पर टोल टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस आदेश को बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर सुनवाई के क्रम में नोएडा अथॉरिटी की खिंचाई कर दी। साथ ही, निजी कंपनी एनटीबीएसएल की याचिका को खारिज कर दिया। डीएनडी फ्लाईवे पर टोल टैक्स को लेकर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ की ओर से फैसला सुनाया गया है।

डीएनडी फ्लाईवे पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने टोल टैक्स वसूली पर रोक का आदेश दिया था। इसके बाद से इस आठ लेन वाले फ्लाईवे पर टोल टैक्स नहीं लिया जा रहा था। हालांकि, टोल वसूलने वाली कंपनी ने मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाले डीएनडी पुल पर कंपनी टोल टैक्स नहीं वसूल पाएगी। कोर्ट ने नोएडा टोलब्रिज कंपनी की याचिका को खारिज कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि नोएडा अथॉरिटी ने एनटीबीसीएल को शुल्क वसूलने या लगाने के लिए अधिकार देकर अपने अधिकारों का अतिक्रमण किया है। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीबीसीएल को दिए गए रियायत समझौते को शर्तों के खिलाफ माना। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट ने अधूरे प्रोजेक्ट की बढ़ती लागत उजागर की है। इसकी वजह से उपयोगकर्ताओं पर अनुचित बोझ पड़ा है। साथ ही, यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन भी है।janjaagrukta.com