यूसीसी का समर्थन किया, तो आप नेता प्रफुल्ल वसावा ने छोड़ी पार्टी
हमारा संविधान तो कहता ही है, सुप्रीम कोर्ट भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बता कह चुकी है। पर भी स्वार्थ में और समझ में कमी के कारण कुछ पार्टियां व लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
अहमदाबाद, जनजागरुकता। संविधान का अनुच्छेद 44 खुद समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कहता है, यहां तक कि, सुप्रीम कोर्ट भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कह चुकी है। पर भी स्वार्थ में और समझ में कमी के कारण कुछ पार्टियां व लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
यूसीसी पर एक देश एक कानून के उद्देश्य से लाई जा रही समान नागरिक संहिता पर सैद्धांतिक समर्थन का ऐलान गुजरात में आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने किया है। पर उन्हीं के नेता अपने स्वार्थ साधने पार्टी के विरोध में इस्तीफा दे दिया।
दरअसल, गुजरात में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित सीट से 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके आप के एक नेता ने पार्टी द्वारा यूसीसी के सैद्धांतिक समर्थन का विरोध करते हुए रविवार, 9 जुलाई को पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है।
अनुच्छेद 44 खुद इसकी बात करता है
जानकारी अनुसार, आप प्रमुख व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने लिखा है कि समान नागरिक संहिता, संविधान पर हमला है। हालांकि, संविधान का अनुच्छेद 44 खुद समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कहता है, यहां तक कि, सुप्रीम कोर्ट भी समान नागरिक संहिता लागू करने की बता कह चुकी है, तो क्या सुप्रीम कोर्ट संविधान के खिलाफ बात करेगी ?
दावा- विशेषाधिकार खत्म कर देगी
ऐसे में आप नेता इसे किस तरह संविधान पर हमला बता रहे हैं, इसका जवाब वही दे सकता है। बहरहाल, नर्मदा जिले के नांदोड एसटी सीट से 2022 विधानसभा चुनाव लड़ चुके वसावा ने अपने इस्तीफे में आगे कहा है कि आप यूसीसी का समर्थन करने के साथ आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की बात नहीं कर सकती। उन्होंने दावा किया है कि यूसीसी आदिवासियों के सभी विशेषाधिकार खत्म कर देगी।