"लहरों का पैगाम" उन घटनाओं के प्रति चिंता है जिससे हमारा समाज नैतिक पतन की ओर अग्रसर है- गोरेलाल शर्मा

प्रेरणा साहित्य समिति ने साहित्यकार अरुण साहू की कृति "लहरों का पैगाम" के विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान कवि गोष्ठी भी हुई।

"लहरों का पैगाम" उन घटनाओं के प्रति चिंता है जिससे हमारा समाज नैतिक पतन की ओर अग्रसर है- गोरेलाल शर्मा

बालोद, जनजागरुकता। "लहरों का पैगाम" मानव समाज को संवेदनशील बनने का संदेश देता है। यह हमारे समाज में घटने वाली उन घटनाओं के प्रति चिंता है जिससे हमारा समाज नैतिक पतन की ओर अग्रसर है। उक्त बातें संस्कृताचार्य गोरेलाल शर्मा ने प्रेरणा साहित्य समिति बालोद के संरक्षक साहित्यकार अरुण कुमार साहू की कृति "लहरों का पैगाम" के विमोचन अवसर पर कही। इस दौरान काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। 

प्रेरणा साहित्य समिति बालोद के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तुलसी मानस प्रतिष्ठान छत्तीसगढ़ प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश देशमुख थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष तुलसी मानस प्रतिष्ठान तहसील बालोद एवं मानस मर्मज्ञ बीआर बेलसर ने की। विशिष्ट अतिथि संस्कृत आचार्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार गोरेलाल शर्मा थे। 

कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती की पूजा-अर्चना, दीप प्रज्ज्वलन से हुई। सरस्वती वंदना गायत्री साहू ने प्रस्तुत किया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया। शिक्षक व साहित्यकार अरुण साहू के जन्मदिन के अवसर पर प्रेरणा साहित्य समिति ने उन्हें पौधा एवं श्री रामचरितमानस की प्रति भेंट की। स्वागत भाषण प्रेरणा साहित्य समिति बालोद के अध्यक्ष जयकांत पटेल ने दिया।

अंतर्मन में उठने वाले भाव की लहरें ही हैं "लहरों का पैगाम"

कार्यक्रम में शिक्षक अरुण साहू की काव्य कृति “लहरों का पैगाम” का विमोचन किया गया। इस दौरान अपनी कृति पर प्रकाश डालते हुए अरुण साहू ने कहा कि लहरों का पैगाम एक कवि के अंतर्मन में उठने वाले भाव की लहरें ही हैं जो हृदय से उठकर कलम के माध्यम से कागज पर परिलक्षित होते हैं। मेरी यह कृति मानवीय संवेदनाओं को जागृत करने का प्रयास है। 

एक आशा की किरण है "लहरों का पैगाम"

विशेष अतिथि संस्कृताचार्य गोरेलाल शर्मा ने कहा कि लहरों का पैगाम मानव समाज को संवेदनशील बनने का संदेश देता है। साथ ही यह हमारे समाज में घटने वाली उन घटनाओं के प्रति चिंता है जिससे हमारा समाज नैतिक पतन की ओर अग्रसर है। ऐसी निराशाओं के बीच में एक आशा की किरण है लहरों का पैगाम। वहीं अपनी कविता गीत किसे मैं सुनाऊं के माध्यम से उन्होंने वृंदावन का सचित्र चित्रण किया। 

समाज के लिए मानव बनने का पैगाम है "लहरों का पैगाम"-  बेलसर

कार्यक्रम के अध्यक्ष बीआर बेलसर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि श्री साहू की कृति "लहरों का पैगाम" वास्तव में मानव समाज के लिए मानव बनने का पैगाम है। कहीं ना कहीं कवि की यह चिंता है किस समाज से मानवता की क्षति पहुंच रही है जिसकी क्षतिपूर्ति का प्रयास इस साहित्य में किया गया है। साथ ही अपने गीतों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम प्रकट किया गया है।

स्थिरता में क्रियाशीलता का संचार है- "लहरों का पैगाम"

इस दौरान मुख्य अतिथि जगदीश देशमुख ने कहा कि "लहरों का पैगाम" स्थिरता में क्रियाशीलता का संचार है। हृदय की उठने वाली भावनाएं प्राकट्य रूप में पाठक के बीच में इस साहित्य के माध्यम से पहुंचेगी। कवि की चिंता पर्यावरण को बचाने की है जिसका लगातार क्षरण हो रहा है। संवेदनहीनता आज की प्रमुख समस्या है और ऐसी संवेदनहीनता के बीच में मानव ह्रदय में संवेदनशीलता जगाने का एक अनूठा प्रयास "लहरों का पैगाम" के माध्यम से किया गया है। साथ ही अपनी कविता वृंदावन की गलियां सूनी के माध्यम से भारतीय संस्कृति में प्रविष्ट विकृति पर चिंता व्यक्त की। 

काव्यपाठ में कवियों के दिल से निकली रचनाएं

इस अवसर पर प्रेरणा साहित्य समिति के साहित्यकारों ने काव्यपाठ किया। जिसमें गायत्री साहू ने सावन के गीत गाकर वातावरण को खुशनुमा बना दिया। समिति के सचिव डॉक्टर एसएल गंधर्व ने अपनी रचना कोई ला संग नहीं चलावव के माध्यम से निःस्वार्थ जीवन जीने की प्रेरणा दी। उपाध्यक्ष पुसन कुमार साहू ने अपनी रचना के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश दिया। समिति के संरक्षक पुष्कर सिंह राज ने आध्यात्मिक रचना का पाठ करते हुए एकात्मवाद के सिद्धांत को प्रस्तुत किया। संगठन सचिव लव कुमार सिंह ने श्रृंगार की रचना पढ़ते हुए मानव जीवन में प्रेम की प्रासंगिकता को परिलक्षित किया। 

गजल से ह्रदय के तारों को छेड़ा

संरक्षक अरुण कुमार साहू ने सुमधुर गजलों के माध्यम से ह्रदय के तारों को छेड़ दिया। अध्यक्ष जयकांत पटेल ने पहले सावन को आने दो काव्य के माध्यम से प्रकृति का सजीव चित्रण किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेरणा साहित्य समिति के अध्यक्ष जयकांत पटेल एवं संगठन सचिव लव कुमार सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन अरुण कुमार साहू ने किया।

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