आपका काम मानवता की सेवा है, और इससे बड़ा कोई धर्म नहीं- सीएम बघेल
राजधानी के साइंस कालेज मैदान में मितानिनों के आभार सम्मेलन में भागीदारी देकर सीएम भूपेश बघेल ने बताया प्रदेश में कुपोषण 37 फीसदी से घटकर 31 फीसदी हो गया।
रायपुर, जनजागरुकता। साइंस कालेज रायपुर परिसर में आयोजित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों के आभार सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी बहनें जहां भी मिलती थीं कहती थीं कि एक कार्यक्रम कराइए, हम सब आपको धन्यवाद देना चाहते हैं। आभार सम्मेलन में हजारों की तादाद में आई हैं, मैं आज आपका आभार व्यक्त करता हूं। करोना काल में आप लोगों ने जो काम किया उसका कोई मुकाबला नहीं है। आपका काम मानवता की सेवा है, और इससे बड़ा कोई धर्म नहीं है।हमारी बहनों की वजह से कुपोषण 37 फीसदी से घटकर 31 फीसदी हो गया है।
आप लोगों ने जो काम किया उसके लिए मैं आपका आभारी हूं
उन्होंने कहा कि आप इतनी अधिक संख्या में आई हैं, उसके लिए मैं आपका आभारी हूं। आपने बिना कोई संकोच के जिन परिस्थितियों में काम किया है,उसके लिए मैं आपका अभिनंदन करता हूं। आपने सरकार के प्रति जो आभार प्रकट किया, ये आभार हमारा नहीं बल्कि मैं आप सभी को पौने तीन करोड़ जनता की ओर से मितानित और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करता हूं। पूरे देश में अकेला छत्तीसगढ़ है जहां सरकार ने निर्णय लिया कि मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हाथ में कोरोना किट में पहुंचाया। आठ दिन के भीतर ही कोरोना नियंत्रित होना शुरू हो गया ।
कोरोना काल में आप लोगों ने साहस व धैर्य का परिचय दिया
बघेल ने कहा कि कोरोना काल में ऐसा कोई वर्ग नहीं है जिससे मैने बात नहीं की है, आप लोगों ने साहस व धैर्य के साथ जो काम किया है उसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं। प्रारंक्षिक शिक्षा और प्रारंभिक स्वास्थ्य एक बड़ी चुनौती है जिसमें आप बहनों के सहयोग की अपेक्षा होगी। जिस प्रकार से कुपोषण के खिलाफ आपने लड़ाई लड़ी, उसी प्रकार से हमने मलेरिया के खिलाफ संघर्ष किया है।छत्तीसगढ़ में कभी लिंग भेद नहीं रहा और केरल के बाद हमारा प्रदेश दूसरे स्थान पर है।यहां कभी भी बेटियों को बोझ नहीं समझा गया, आज महिलाएं घर की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में लगी हुयी हैं।
किसान व बहनों के सम्मान में हमने कोई कसर नहीं छोड़ा
सीएम बघेल ने कहा कि हमने शासकीय कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू किया है, श्रमिकों को भी 7000 सालाना देने की शुरूआत की है। बेरोजगार साथियों को हम 2500 रुपए प्रतिमाह दे रहे हैं। मई दिवस पर हमने श्रमिकों के लिए बड़े फैसले लिए हैं। श्रमिक, शासकीय कर्मचारी, किसान व बहनों के सम्मान में हमने कोई कसर नहीं छोड़ा है।
मानदेय बढ़ने से हम लोग बहुत खुश- लक्ष्मी साहू
भाठागांव रायपुर से आई लक्ष्मी साहू ने कहा कि हम लोग घर-घर जाते हैं। गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में एडमिट कराते हैं। छोटी-छोटी बातों को बताते हैं जो गर्भवती माताओं के लिए उपयोगी होती हैं। टीकाकरण का ध्यान रखती हूं। बीपी की दवा कई लोग बीच में बंद कर देते हैं। उन्हें कहते हैं कि बीच में दवा मत छोड़ो, नहीं तो खतरा हो जाएगा। एक एक बारीकी का ध्यान रखते हैं।लक्ष्मी ने कहा, अब मानदेय बढ़ने के निर्णय से हम लोग बहुत खुश हैं। बहुत खुशी का क्षण था यह मेरे लिए। इसलिए हम सभी बहनें आभार के लिए जुटी हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में कड़ी मेहनत करती हूं- प्रेम ज्योति बघेल
मितानिन प्रेम ज्योति बघेल ने अपने संस्मरण साझा किए। वे बस्तर से हैं। हल्बी में अपना संबोधन देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कड़ी मेहनत करती हूं। उनके गांव में साढ़े 3 सौ लोग हैं। यहां गर्भवती माताओं को देखती हूं। साथ ही सामान्य बीमारियों में जरूरत पड़ने वाली दवाई देती हूं। अब 2200 मानदेय दिया है तो 7 हजार रुपये तक महीना कमा लूंगी। अपने बच्चों को पढ़ाऊंगी।