ईडी के छापे पर विनोद वर्मा ने बताई पीड़ा, लगाए प्रताड़ना के आरोप
कल ईडी ने सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा के घर पर दबिश देकर घंटो अधिकारियों ने पूछताछ की थी। आज मीडिया से चर्चा करते हुए वर्मा ने ईडी पर आरोप लगाते हुए बीजेपी पर निशाना साधा है।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय की लगातार कार्रवाई से शासन, प्रशासन दोनों सकते में है। व्यवसायियों, ठेकेदारों में दहशत है। कल ईडी के छापे में सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा तारगेट में रहा। कल ईडी ने उनके घर पर दबिश देकर घंटो अधिकारियों ने विनोद वर्मा से पूछताछ की। दस्तावेजों की जांच की। ईडी की कार्रवाई का कांग्रेस विरोध कर रही है। इसे भाजपा द्वारा प्रायोजित षड्यंत्र बता रहे हैं।
इधर घर पर छापे की कार्रवाई को लेकर सीएम के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने आज मीडिया के सामने अपनी बात रखी। पत्रकार वार्ता कर वर्मा ने कहा कि मेरा पत्रकारिता जीवन लंबा रहा और अभी राजनीतिक जीवन उससे छोटा है। मेरे घर में जो धूल है वह मेरे ही है। अगर उसमें कुछ और शामिल है तो वह आप जैसे मित्रों के आने से जो धूल आती है वही है। इसके अलावा मेरे पास कुछ भी नहीं है जिस पर आप शक कर सकें।
वर्मा ने आरोप लगाया कि मेरे घर पर कल डकैती हुई है, लूट हुई है। इसको मैं पुख्ता आधार पर कह रहा हूं क्योंकि जो बयान ईडी ने मुझसे लिया है उसमें भी मैंने यह दर्ज करवाया है कि आप मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। जो कुछ भी आप कर रहे हैं वह रोबरी है, डकैती है। मेरे घर में जितना सोना मिला वह 2005 से 2023 तक जितना भी सोना खरीदा उसके एक-एक का बिल प्रोड्यूस किया।
विनोद वर्मा ने मीडिया को बताया कि जो मेरी पत्नी को शादी में मिला था उसका बिल मेरे पास नहीं था उसके अलावा सभी का बिल प्रस्तुत किया। इसके अलावा मेरे भांजे, भतीजे की शादी में मैंने जो गहने खरीदे थे उसका बिल भी मैंने प्रस्तुत किया। इसके बावजूद ईडी सारा गहना जब्त कर ले गई कि आप इसका पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं। यह गहने आपने कहां से खरीदा। वर्मा ने कहा जब मैंने पूछा कि कोई घर में कितना गहना रख सकता है तो उन्होंने कहा कि यह आईटी एक्ट में है ईडी एक्ट में नहीं है।
नया प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है- विनोद वर्मा
उन्होंने (ईडी) से कहा कि आप हमें संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। मैंने कहा संतुष्ट कैसे कर सकता हूं यह सारे बिल मैंने आपको दे दिए। उन्होंने कहा कि इस बिल को पे कैसे किया उसका सबूत आपके पास नहीं है। तो भारतीय कानून में पहली बार यह प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है कि अगर आप कोई चीज बिल से खरीद रहे हैं तो उसे बिल के पेमेंट का मोड भी आपको सुरक्षित रखना पड़ेगा। यह आईपीसी और सीआरपीसी को नए सिरे से डिफाइन कर रहे हैं।
कोने-कोने की जांच और शादी के लिफाफे ले गए: वर्मा
वर्मा ने यह भी बताया कि जो नगद मेरे यहां से लेकर गए उसमें 2 लाख 55 हजार 300 शामिल है। कोने-कोने की जांच हुई। मेरे बेटे की शादी में जो लिफाफे मिले थे वह पड़े हुए थे। सारे लिफाफे खोल के पैसे निकाल लिए। उसका हिसाब नहीं बनाया। मेरे बेटे ने ईमेल में यह रिकार्ड रखा था कि किस गेस्ट ने कितने रुपए लिफाफे में रखे थे। उसको भी प्रस्तुत किया और उसमें से बताए कि इसमें से कितने पैसे बचे हैं। उन्होंने फिर कहा कि आप संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। मैंने सभी के डिटेल दिए।
इस पत्रिका को बताया छापे का आधार
विनोद वर्मा के अनुसार छापे का आधार बताते हुए वर्मा ने कहा कि इस छापे का आधार एक पत्रिका है। इस पत्रिका का नाम जगत विजन पत्रिका है और इसके संपादक का नाम विजया पाठक है। विजया पाठक ने इसमें कहानी लिखी है। सत्य कथा, मनोहर कहानी जैसी एक कहानी है। इसमें लिखा गया है कि एक कोई रवि उप्पल है जो मेरे बेटे के ससुराल तरफ से रिलेटिव है।
चंद्रभूषण से दूर-दूर तक रिलेशन नहीं
इसमें लिखा गया है कि कोई चंद्र भूषण वर्मा हैं जो मेरे रिलेटिव हैं और मेरी सहायता से यह पूरा रैकेट चलाते हैं। वर्मा ने बताया कि इस पत्रिका के खिलाफ मैंने दुर्ग पुलिस से शिकायत की थी। बिना आधार के कंटेंट छाप रहे हैं और यदि उनके पास सबूत है तो उन्हें बुलाकर पूरी जांच की जाए। इस पत्रिका के संपादक के खिलाफ मैं पर्याप्त कानूनी कार्रवाई करने वाला हूं। विनोद वर्मा ने बताया कि इसकी शुरुआत मैं कर चुका हूं। चंद्रभूषण से मेरा दूर-दूर तक रिलेशन नहीं है।
विनोद वर्मा ने कहा नियंत्रण कहीं और से
मीडिया से चर्चा करते हुए विनोद वर्मा ने कहा कि चंद्रभूषण से मैंने एक बार ढाई साल पहले मुलाकात की थी। मैंने उसे बुलवाया था और कहा था मेरे नाम से अगर कुछ करते हो तो मैं तुम्हें नौकरी से भी हटवाऊंगा और जेल भिजवाऊंगा। मैं मुकदमा दायर करूंगा। उसके बाद से मेरे दफ्तर में नहीं आया है, तो उसकी जो भी भूमिका इस महादेव सट्टे में है उसकी पहले जांच कर लेते। तहकीकात कर लेते, उसके बाद आते। आरोप लगाया कि ईडी इस तरह हो गया है कि कोई कहे कि आपका कान कौआ ले गया तो आप कौवे की ओर भागेंगे। उनका नियंत्रण कही और है।
विजन पत्रिका में ये था मामला?
विनोद वर्मा ने मीडिया को बताया कि विजन पत्रिका का संपादन विजया पाठक करती है। जब हमने इसेसे जुड़ी रिपोर्ट इंटरनेट पर खंगाली तब पता चला 2022 अक्टूबर को महादेव ऐप को लेकर विजया पाठक ने कुछ लेख प्रकाशित की थी। लेख में उन्होंने सरकार और उनके करीबियों सहित कुछ आईपीएस अधिकारियों का जिक्र किया था। मीडिया को जानकारी देते हुए विनोद वर्मा ने इस बात का जिक्र बार-बार किया और कहा “मैने बार-बार पूछा है कि छापे का आधार बता दीजिए। इस कार्यवाही का आधार क्या है? क्या इस मैग्जीन में छपी कहानी है या चंद्रभूषण वर्मा का बयान है, या किसी गृहमंत्री का सपना है, या ये एक प्रधानमंत्री की तानाशाही है।”
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह का आरोप, कहा- सट्टे से भी जुड़े हैं सरकार के तार..
प्रवर्तन निदेशालय के छापे को लेकर सीएम बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा के आरोपों पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि अभी तक हम सरकार के शराब घोटाला, कोयला और चावल घोटाला को गिनते थे। अब यह पता चला है कि सरकार के तार सट्टा से भी जुड़े हुए हैं।
प्रमाण और साक्ष्य के साथ ईडी ने पेश किया
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सरकार को मंथली मोटी रकम दी जाती थी, इसे प्रमाण और साक्ष्य के साथ ईडी ने पेश किया है। महादेव एप के नाम पर जुआ, सट्टा के प्रशिक्षण के लिए दुबई भेजा जाता था। यही कौशल उन्नयन सरकार कर रही है। वहीं विनोद वर्मा के सीडी बंटवाए जाने के आरोप पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीडी लहराते हुए आप लोगों ने दिखाया था, इसमें हमारा हाथ है, या भूपेश जी का..
ईडी ने प्रमाणित किया है, 75 करोड़ का हिसाब दिया है
वहीं पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जो पैसे जब्त हो रहे हैं, वह कांग्रेस वालों के पास से हो हैं। भाजपा वालों के पास नहीं। मोटी रकम कहां से ली जा रही है, ईडी ने प्रमाणित किया है। 75 करोड़ का हिसाब दिया है। कोरबा जिले के दौरे को लेकर बोले आज कार्यकर्ताओं का सम्मेलन है। भाजपा में बड़ी संख्या में लोग प्रवेश करेंगे। पूरे प्रदेश में श्रृंखला चल रही है। कल भी पूर्व आईएएस नीलकंठ के साथ ढाई हजार लोग भाजपा में शामिल हुए थे।