चुनाव आयोग का बड़ा निर्णय, सुप्रीम कोर्ट ने कहा..
आगामी महीनों में छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश सहित 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। इससे पहले निर्वाचन आयोग ने आदेश जारी किया है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। (Election Commission) विधानसभा चुनावों की तैयारी कई राज्यों में जारी है। देश में आगे लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए चुनाव आयोग (Election Commission) दोनों चुनावों के लिए अपने मातहतों को आदेश, निर्देश दे रहे हैं।
चुनाव आयोग के अऩुसार देश के 5 राज्यों में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा के चुनाव की तैयारी शुरू कर दिया गया है। इसी बीच एक याचिका का जवाब देते हुए निर्वाचन आयोग ने अहम जानकारी दी है।
एक याचिका पर हुई सुनवाई
मामले के अनुसार एक याचिका पर सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कोर्ट को बताया कि मतदाता सूची के पंजीकरण में उचित स्पष्टीकरण बदलाव जारी किया जाएगा। बदलावों से अब किसी वयस्क को मतदाता सूची प्रमाणीकरण के के लिए अपने आधार नंबर का विवरण डालने की आवश्यकता नहीं होगी। यानि अब आधार नंबर के बिना भी आप मतदाता बन सकते हैं। पतदाता पर्चे में वयस्क नागरिकों को आधार कार्ड या नंबर नहीं भरना होगा।
नए फॉर्म सुधार
निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मतदाता पंजीकरण के फॉर्म 6 और 6B के कॉलम में मतदाता के रूप में पहचान निश्चित करने के लिए ही आधार नंबर की जानकारी मांगी जाती है, लेकिन अब नए फॉर्म में सुधार किया जा रहा है। क्योंकि ऐसा नहीं है कि इसके बगैर मतदाता पहचान पत्र बनता ही नहीं है। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष जी निरंजन ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कल सुनवाई की।
पहले भी आधार नंबर उल्लेख करना अनिवार्य नहीं था
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ के समक्ष आयोग के वकील अमित शर्मा ने कहा कि नियम 26 के तहत आधार नंबर का उल्लेख करना पहले भी अनिवार्य नहीं था।