पर्वतारोही बलजीत की जीवटता.. 24 हजार फीट की ऊंचाई से लापता थी, बच निकली
अन्नपूर्णा पर्वत के शिखर से उतरते समय अचानक लापता हो गई थीं। रेस्क्यू टीम ने मृत घोषित कर दिया था, फिर अन्नपूर्णा पर्वत पर हुआ ये चमत्कार
नेपाल, जनजागरुकता डेस्क। 8000 मीटर ऊंची 4 पर्वत चोटियां फतह करने वाली पहली भारतीय पर्वतारोही बलजीत कौर के साथ चमत्कारिक घटना घटी है। 27 साल की बलजीत एक दिन पहले सोमवार को अन्नपूर्णा पर्वत के शिखर से उतरते समय अचानक लापता हो गई थीं।
फिर मंगलवार को रेस्क्यू टीम को रेडियो सिग्नल मिला। टीम पहुंची तो वह कमजोर लग रही थी। ऑक्सिजन सपोर्ट के बिना ही दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी चढ़ने वाली पर्वतारोही शिविर-4 के पास से लापता थी।
ऐसे में टीम को लग रहा था कि हाड़ कंपा देने वाली ठंड में बलजीत का बच पाना संभव नहीं था। इसी दौरान मंगलवार को एक चमत्कार से उनके जीवित होने की उम्मीद जगी। बता दें कि भारत की प्रमुख महिला पर्वतारोही बलजीत को गत दिनों रेस्क्यू टीम ने मृत मान लिया था। 27 साल की बलजीत सोमवार को अन्नपूर्णा पर्वत के शिखर बिंदु से उतरते समय गायब हो गई थी।
हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया
मामले पर एटीवी की रिपोर्ट्स के अनुसार नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत पर रेस्क्यू टीम तीन हेलीकॉप्टर्स से उन्हें खोजती रही। इसी दौरान बलजीत से जीपीएस व रेडियो सिग्नल मिला। इसके बाद उन्हें 24,193 फीट की ऊंचाई से बचा लिया गया। पायनियर एडवेंचर के अध्यक्ष पासंग शेरपा के अनुसार बलजीत को शीतदंश (फ्रॉस्टबाइट) हुआ है और उन्हें इलाज के लिए काठमांडू के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
हेलीकॉप्टर्स से टीम बलजीत को खोजती रही
अध्यक्ष पासंग शेरपा ने बताया नेपाल के अन्नपूर्णा पर्वत पर रेस्क्यू टीम तीन हेलीकॉप्टर्स से उन्हें खोजती रही। इसी बीच रेस्क्यू टीम को एक जीपीएस व रेडियो सिग्नल मिला। ये सिग्नल बलजीत कौर ने ही भेजा था। शेरपा ने कहा कि बलजीत को शीतदंश (फ्रॉस्टबाइट) हुआ है बलजीत का इतनी विषम परिस्थितियों में भी जीवित रहना किसी चमत्कार से कम नहीं है।
ये है बलजीत के नाम पर उपलब्धियां
बता दें कि हिमाचल प्रदेश की रहने वाली बलजीत कौर ने पिछले साल मई में 'माउंट ल्होत्से' को फतह किया था। इसी के साथ वे एक ही मौसम में 8000 मीटर ऊंची चार पर्वत चोटियां फतह करने वाली पहली भारतीय पर्वतारोही बनीं। कौर के साथ-साथ भारतीय पर्वतारोही अर्जुन वाजपेयी को भी 6,800 मीटर की ऊंचाई पर रेस्क्यू किया गया है। उनके शरीर पर कई जगहों पर चोटें आई हैं। वाजपेयी माउंट एवरेस्ट, माउंट मकालू, माउंट कंचनजंगा, माउंट ल्होत्से, माउंट मनासलू और चो-ओयू फतह कर कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुके हैं।