आबकारी घोटाले में घिरे आईएएस निरंजन की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
ईडी की गिरफ्त से बचने के लिए स्पेशल कोर्ट में निरंजनदास ने वकील के माध्यम से अपील की थी।
रायपुर, जनजागरुकता। 2 हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले में घिरे प्रदेश के आबकारी सचिव रहे आईएएस निरंजन दास की अग्रिम जमानत याचिका को ईडी की स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
अग्रिम बेल के लिए लगाई थी याचिका
करीब 6 दिनों से ईडी की गिरफ्त से बचने के लिए आरोपी पूर्व सचिव ने ईडी के विशेष न्यायाधीश के यहां अग्रिम बेल के लिए अपील की थी। ईडी की स्पेशल कोर्ट के जज अजय सिंह राजपूत की अदालत ने निरंजन दास की अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है।
उनके वकील ने रखा पक्ष
इस अग्रिम याचिका पर उनके वकील मतीन सिद्दीकी ने दास का पक्ष रखते हुए बताया कि उन्हें फंसाने की साजिश रची जा रही है। 120-बी (कांसपिरेसी) का केस नहीं है। कहीं भी कंप्लेंट फाइल नहीं हुई। आबकारी की जिस पॉलिसी में गड़बड़ी बताई जा रही है, वह अप्रैल 2019 में लागू हुई। जबकि निरंजन मई में आबकारी सचिव और आयुक्त नियुक्त किए गए थे।
ये तर्क भी काम नहीं आया
वकील ने स्वास्थ्यगत तर्क रखते हुए कहा कि निरंजन की एंजियोग्राफी हुई है। उन्हें किडनी, बीपी की बीमारी है। पीएमएलए एक्ट की धारा 45 में बीमार व्यक्ति की गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। इसलिए उन्हें गिरफ्तारी की आशंका में अग्रिम जमानत मिलना चाहिए। आबकारी सचिव रहे निरंजन दास ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि बाद में उन्होंने याचिका को ही वापस ले लिया था।