एक विधानसभा से मांगे तीन नाम, अमित शाह ने कहा, आपस में लड़ने की बजाय जीत के लिए लड़ो
बीजेपी की सर्वे रिपोर्ट लेकर गृह मंत्री अमित शाह सीधे कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचे। बैठक के दौरान चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। और कहा- सिफारिश से कोई टिकट नहीं मिलेगा।
रायपुर, जनजागरुकता। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीजेपी नेताओं की बैठक लेते हुए कहा, आपस में लड़ने की बजाय जीत के लिए लड़ो। वहीं उन्होंने हर विधानसभा से तीन नाम मांगे हैं। छत्तीसगढ़ में पीएम नरेन्द्र मोदी के दौरे से 2 दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रायपुर पहुंचे हैं। भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में वरिष्ठ नेताओं के साथ शाह ने चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श किया।
इस दौरान प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर आयोजित बैठक में चुनावी घाेषणा पत्र समिति से लेकर विधानसभा उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की गई।
बीजेपी सूत्रों के अनुसार गृहमंत्री शाह अपने साथ सर्वे रिपोर्ट लेकर आए थे, जिसमें हर विधानसभा क्षेत्र में 3-3 सक्रिय दावेदारों का नाम शामिल था। वरिष्ठ नेताओं के सामने वह रिपोर्ट रखकर चर्चा की गई। इसके साथ ही चुनाव अभियान समिति, चुनाव समन्वय समिति के साथ अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।
नेता तय करें कि सरकार बनानी है, कि नहीं
बैठक में अमित शाह ने प्रदेश के भाजपा नेताओं चुनाव की तैयारियों पर समझाइश देते हुए कहा, कि सभी नेता छत्तीसगढ़ में 2023 में होने वाले चुनाव पर ध्यान दें। स्थानीय नेता तय करें कि सरकार बनानी है, कि नहीं। सिफारिश से कोई टिकट नहीं मिलेगा। लड़ोगे तो जीतोगे, जीतोगे तभी पाओगे। आपस में लड़ने की बजाए जीत के लिए लड़ो।
बुधवार की रात 3 घंटे चली बैठक
मंत्री शाह की बुधवार की रात करीब 8.30 बजे बैठक शुरू हुई, जो करीब 3 घंटे चली।बता दें कि बुधवार शाम सात बजे अमित शाह एयरपोर्ट से सीधे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचे। उनके साथ गाड़ी में पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव मौजूद थे। प्रदेश कार्यालय में आमंत्रित नेताओं के अलावा सभी को बाहर कर दिया गया।
प्रदेश में भाजपा के केवल 13 विधायक हैं
बीजेपी सुत्रों के अनुसार प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने संगठन के कामकाज की रिपोर्ट रखी। इस रिपोर्ट के आधार पर शाह ने सुधार करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि प्रदेश में पिछली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 68 सीट मिली थी। जबकि भाजपा 15 सीटों पर ही सिमट गई थी। अभी उप चुनाव के बाद कांग्रेस के 71 सीट है और भाजपा के 13 विधायक हैं।
नेताओं की मीडिया से चुप्पी कई इशारे कर रहा
माना जा रहा है कि शाह की भाजपा के नेताओं के साथ बैठक और नेताओं की मीडिया से चुप्पी कई तरह के इशारे कर रही है। पार्टी सूत्रों की माने तो ऐसा माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ भाजपा कार्यालय में हुई इस बैठक के बाद भाजपा संगठन में बदलाव भी किया जा सकता है। इसके अलावा बैठक में सात जुलाई को पीएम नरेन्द्र मोदी के प्रदेश दौरे को लेकर भी चर्चा हुई है।
बैठक में इन वरिष्ठ नेताओं की रही भागीदारी
बैठक में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नबीन, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदन जैन, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल समेत अन्य नेता मौजूद रहे।