केंद्र व राज्य सरकार करेंगे प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने संयुक्त प्रयास
मंत्री अमरजीत भगत की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ संस्कृति-पुरातत्व विभाग और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने, संरक्षण व संवर्धन के लिए संयुक्त रूप से केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य करेंगे। इसके लिए आज मंत्री अमरजीत भगत की उपस्थिति में संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय रायपुर तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नई दिल्ली के मध्य परस्पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया।
इस समझौते में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र द्वारा स्थानीय छात्रों, पर्यटकों, शोधार्थियों एवं जनमानस को उनकी पुरा-संस्कृति के वास्तविक पक्षों से परिचित कराने के लिए विश्व व भारत की शैल कला के साथ छत्तीसगढ़ की शैल कला पर महन्त घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर में अलग से दीर्घा स्थापित की जाएगी।
वहीं दोनों संस्थाओं की विभिन्न अकादमिक कार्यक्रमों-परियोजनाओं जैसे शोध प्रशिक्षण, डिजिटल संसाधनों का संकलन, सर्वेक्षण, अभिलेखीकरण तथा राज्य संरक्षित शैलाश्रयों के संरक्षण-परिरक्षण जैसे कार्यों में सहायक होगी।
यह समझौता ज्ञापन महत्वपूर्ण
संस्कृति मंत्री भगत ने इस समझौते पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “छत्तीसगढ़ की धरोहरों और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में यह समझौता ज्ञापन महत्वपूर्ण है। संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं को सहेजने के लिए प्रतिबद्ध है।” संस्कृति विभाग द्वारा इस दौरान केन्द्रीय प्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ की राजकीय गमछे से स्वागत किया गया।
इनकी रही उपस्थिति
इस मौके पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक विवेक आचार्य, उप संचालक डॉ. पीसी पारख, उत्खनन सहायक प्रवीण तिर्की, डॉ. राजीव मिंज और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) नई दिल्ली से शैलकला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रमाकर पंत, सहायक प्राध्यापक डॉ. दिलीप सन्त, परियोजना सहायक जाकिर खान व परियोजना सहयोगी प्रवीण सीके उपस्थित थे।
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