छत्तीसगढ़ धरती की चारों दिशाएं हुई भगवामय, राममय हुआ माहौल, शोभायात्रा में संतों पर फूलों की बारिश

शहर के चारों दिशाओं से निकली शोभायात्रा हरदवे लाला मंदिर टिकरापारा पहुंची। इसके बाद यहां से रावणभाठा के लिए निकली।

छत्तीसगढ़ धरती की चारों दिशाएं हुई भगवामय, राममय हुआ माहौल, शोभायात्रा में संतों पर फूलों की बारिश


रायपुर, जनजागरुकता। पहली बार छत्तीसगढ़ की धरती से देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश के चारों दिशाओं से साधु-संतों की मंडियों के साथ आम जनता ने पैदल यात्रा कर हर किसी को हिंदू राष्ट्र का संदेश दिया।

इसी के तहत अखिल भारतीय संत समिति छत्तीसगढ़, सकल सनातन हिंदू समाज छत्तीसगढ़, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल छत्तीसगढ़ के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हिंदू स्वाभिमान जागरण संत पदयात्रा रावण भाठा मैदान पर इकट्ठा हुई।


इससे पहले शहर के चारों दिशाओं से निकली शोभायात्रा हरदवे लाला मंदिर टिकरापारा पहुंची। इसके बाद यहां से रावणभाठा के लिए निकली। इस दौरान जहां-जहां से रथ गुजरा वहां-वहां लोग रथ पर विराजमान संतों का फूलों से स्वागत किया। ढोल, नगाड़े और आतिशबाजी के साथ निकली यात्रा का जगह-जगह गर्मजोशी के साथ अभिनंदन किया गया। जयघोष से पूरा माहौल राममय हो गया।

इस दौरान चारों तरफ से लोग जयकारा लगा रहे थे। जय श्रीराम..., जय श्रीराम... के साथ हिंदू राष्ट्र को लेकर गगनचुंबी नारे लगाए जाते रहे। राजधानी में धर्म सभा के आयोजन को लेकर सभी हिंदू संगठन, हिंदू समाज और अन्य समाज भी एकजुट नजर आए।


नगर में यहां से निकली शोभायात्रा
इस क्रम में रायपुर में चारों दिशाओं से शोभायात्रा निकाली गई। बिलासपुर रोड स्थित मां बंजारी धाम, देवपुरी स्थित शदाणी दरबार, वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर और टाटीबंध स्थित राम मंदिर चौक से रावणभाठा धर्मसभा के लिए शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में सभी समाज के लोग शामिल हुए। लोगों ने जगह-जगह फूल बरसाकर शोभायात्रा का स्वागत किया। इस दौरान जयश्रीराम..., जयश्रीराम के जयघोष से पूरा रायपुर गुंजयमान रहा।

हिंदू धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र अनिवार्य
रावणभाठा मैदान की धर्म सभा में लगभग 200 से अधिक साधु-संतों ने हिंदु राष्ट्र को लेकर जुटे। सभा की अध्यक्षता जूना अखाड़ा के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरि ने की। उन्होंने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र को अनिवार्य बताया। वहीं काशी अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा हमें बाबा भीमराव आंबेडकर के बनाए संविधान पर भरोसा है। हम विरोध करते हैं 1975 में इमरजेंसी के दौरान जोड़े गए धर्म निरपेक्षता शब्द का, जिसकी आड़ लेकर हिंदुओं को कमजोर करने की साजिश रची गई।

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