लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि- आज भी उनके भाषण लोगों में जोश भर देते हैं

पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक वे भारत के सच्चे सपूत थे, समाज सुधारक थे।

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि- आज भी उनके भाषण लोगों में जोश भर देते हैं

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। 'स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच' यानी कि 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर ही रहूंगा' का नारा देने वाले स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, समाज सुधारक का 1 अगस्त को स्मृति दिवस है। 1920 को उनका निधन हुआ था। पुण्यतिथि पर पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा भारत मां के सच्चे सपूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक देश के सच्चे सपूत थे। 

पीएम मोदी ने ट्वीट मं कहा 'मैं लोकमान्य तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं आज पुणे में रहूंगा, जहां मैं लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार स्वीकार करूंगा। मैं वास्तव में आभारी हूं कि मुझे इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।'

स्वतंत्रता संग्राम के पहले नेता थे

बता दें कि लोकमान्य तिलक जी के मराठी और हिंदी में उनके बहुत सारे भाषण लोकप्रिय हुए थे, जो लोगों के अंदर आज भी जोश भर देते हैं। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ भारत की स्वतंत्रता की नींव रखने में मदद की थी। इसलिए वो स्वतंत्रता संग्राम के पहले नेता कहे जाते हैं। इसी वजह से लोग उन्हें प्यार से 'लोकमान्य' कहा करते थे, जिसका अर्थ होता है 'लोगों द्वारा स्वीकृत'।

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