भारत में भी आ सकता है विनाशकारी भूकंप, वैज्ञानिकों का दावा- रिक्टर स्केल पर तीव्रता 8 रह सकती है
डॉ. पूर्णचंद्र राव के अनुसार हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में भूकंप आ सकता है। जो विनाशकारी हो सकता है।
हैदराबाद, जनजागरुकता। तुर्की-सीरिया में कुछ दिनों पहले आए महाविनाशकारी भूकंप से पूरा विश्व हिल गया। जहां जान, माल के साथ जो विनाश देखा गया वह हर किसी के जेहन में समाया हुआ है। ऐसे में भारत में भी एक सूचना सामने आई है। मामले पर भूगर्भ वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है कि हिमालय क्षेत्र में जल्द ही बड़ा भूकंप आ सकता है। पहले भी हिमालय क्षेत्र भूकंप को लेकर संवेदनशील रहा है।
वैज्ञानिकों के अनुसार माना जा रहा है कि तीव्रता काफी हो सकती है जो क्षेत्र में भारी तबाही का कारण बनेगा। डॉ. पूर्णचंद्र राव के अनुसार हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में भूकंप आ सकता है। डॉ. राव ने कहा कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है।
मामले पर नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के वैज्ञानिक ने दावा किया है कि हिमालय क्षेत्र में जल्द ही बड़ा भूकंप आ सकता है। उन्होंने कहा है कि भूकंप की तीव्रता काफी हो सकती है जो क्षेत्र में भारी तबाही ला सकता है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि संरचनाओं को मजबूत करके जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है।
भारतीय प्लेट्स हर साल 5 सेंमी तक खिसकी
एएनआई की खबर के अनुसार, हैदराबाद स्थित एनजीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पूर्णचंद्र राव का कहना है कि धरती की परत कई प्लेट्स से मिलकर बनी है और इन प्लेट्स में लगातार विचलन होता रहता है। भारतीय प्लेट्स हर साल 5 सेंटीमीटर तक खिसक गई है और इसकी वजह से हिमालय क्षेत्र में काफी तनाव बढ़ गया है। इसी के चलते हिमालय क्षेत्र में भारी भूकंप आ सकता है।
इन हिस्सों में आ सकता है भूकंप
डॉ. पूर्णचंद्र राव ने कहा कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है।उनके अनुसार हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में भूकंप आ सकता है। डॉ. राव ने कहा कि डॉ. राव ने कहा कि तुर्किये में आए भूकंप में इतनी भारी संख्या में लोगों की मौत की वजह औसत निर्माण रहा। उन्होंने कहा कि हम भूकंपों को नहीं रोक सकते लेकिन सरकार की गाइडलाइन का पालन करके मजबूत इमारतों के निर्माण किए जाने चाहिए।
संवेदनशील है हिमालय क्षेत्र
हिमालय क्षेत्र भूकंप को लेकर संवेदनशील रहा है। हाल के दिनों में इस इलाके में कई छोटे-छोटे भूकंप आए हैं जो यह संकेत दे रहे हैं कि इस इलाके में जमीन के भीतर कई ऐसी चीजें हो रही हैं, जो भविष्य में किसी बड़े भूकंप का कारण बन सकती हैं। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के प्रमुख वैज्ञानिक अजय पॉल ने बताया है कि भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के टकराने से हिमालय क्षेत्र अस्तित्व में आया। उनका कहना है कि यूरेशियन प्लेट के भारतीय प्लेट पर पड़ रहे दबाव से भारी ऊर्जा इस इलाके में पैदा होती है और वही ऊर्जा भूकंप के जरिए जमीन से निकलती है।
हिमालय क्षेत्र में अब तक आए 4 बड़े भूकंप
बीते दिनों वाडिया इंस्टीट्यूट की रिसर्च में ही खुलासा हुआ था कि हिमालय क्षेत्र के सबसे बड़े ग्लेशियर में से एक गंगोत्री ग्लेशियर बीते 87 सालों में 1.7 किलोमीटर तक खिसक गया है। हिमालय क्षेत्र के अन्य ग्लेशियर में भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। इसके अलावा जोशीमठ में हुआ भू धंसाव भी एक बड़े खतरे की तरफ इशारा कर रहा है।
150 साल में इन वर्षों में आए भूकंप
बीते 150 सालों में हिमालय क्षेत्र में चार बड़े भूकंप आए हैं। इनमें साल 1897 में शिलॉन्ग का भूकंप, 1905 में कांगड़ा का भूकंप, 1934 में बिहार-नेपाल का भूकंप और 1950 में असम का भूकंप शामिल हैं। इनके अलावा साल 1991 में उत्तरकाशी में, 1999 में चमोली में और 2015 में नेपाल में भी बड़ा भूकंप आया था।
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