चाकूबाजों से परेशान हैं हिंद स्पोर्टिंग के पटाखा व्यापारी, न पुलिस और न कैमरा

अपराध के किस्से और भी हैं पर यहां हाल की दो घटनाओं से अपराधियों की गिरफ्त में जा रहे हमारे प्रदेश की तस्वीर दिखाने के लिए अभी इतना ही काफी है।

चाकूबाजों से परेशान हैं हिंद स्पोर्टिंग के पटाखा व्यापारी, न पुलिस और न कैमरा

लचर कानून-व्यवस्था... व्यापारियों ने जनजागरुकता से दर्द

किया साझा, कहा- चाकूबाजों से निपटें कि व्यापार करें ?

रामप्रसाद दुबे

जनजागरुकता सरोकार

रायपुर जनजागरुकता। प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था जायजा लेना है तो हिंद स्पोर्टिंग मैदान पर लगे पटाखा बाजार में पहुंच जाइए जहां पटाखा व्यापारी चाकूबाजों से परेशान हैं और सुरक्षा के लिए पुलिस-प्रसासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। बताना जरूरी है कि डीडीनगर थाना क्षेत्र के वसुंधरा नगर में 20 अक्टूबर को वकील ने पत्नी व सास की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी और राजधानी से लगे अमलेशवर में दिनदहाड़े 3 बदमाशों ने ज्वेलर्स ने गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। अपराध के किस्से और भी हैं पर यहां हाल की दो घटनाओं से अपराधियों की गिरफ्त में जा रहे हमारे प्रदेश की तस्वीर दिखाने के लिए अभी इतना ही काफी है। 

इन दिनों पटाखा बाजारों में भीड़ जुट रही है । 11 अक्टूबर को लॉटरी से पटाखा दुकानों का वितरण होने के साथ ही अब लाखेनगर हिंद स्पोर्टिंग पटाखा बाजार सज गया है । "जनजागरुकता"  यहां कोरोनाकाल के दो साल बाद व्यापार का जायजा लेने पहुंचा था पर तस्वीर एकदम उलट थी। व्यापारियों ने जो कुछ बताया उससे लगा कि पुलिसिंग के  के इंतजाम नाकाफी नहीं, नदारद ही थे। अब आइए हिंद स्पोर्टिंग मैदान के पटाखा बाजार पर पसरी चाकूबाजों की दहशत की कहानी सीधे पटाखा व्यापारियों के मुख से ही सुनते हैं...

80 दुकानों के आवंटन के बाद 45 दुकानदारों ने दुकानें सजाई हैं पर सबके सब चाकूबाजों से परेशान हैं। सभी ने बताया कि पहले आसपास के बच्चे पटाखा चुराने पहुंचते हैं, उन्हें रंगे हाथ पकड़कर डांटने पर थोड़ी देर में उनके पालक चाकू लेकर पहुंच जाते हैं। कोई जवान या पुलिस तो यहां है ही नहीं इसलिए सब व्यापारी मिलकर इसके बाद उनका मुकाबला करते हैं। सभी ने सवाल खड़ा किया कि अब व्यापार करें या इन गुंडों से निपटें ?

कैमरा ही नहीं लगा तो अपराधियों की पहचान कैसे होगी ?

दुकानदारों ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से यहां कहीं भी कैमरा नहीं लगाया गया है, जबकि सुरक्षा की यह पहली शर्त होती है। यहां तक कि दुकान में असामाजिक तत्व आकर कई बार विवाद करते हैं।

बिजली का खुला तार दे रहा हादसों को न्योता

फिर निगम ने आवंटित दुकानों में जो विद्युत व्यवस्था दी है उसकी लाइनिंग में काफी खतरा है क्योंकि लाइट के तार खुले हुए है, जिससे कभी भी करंट फैल सकता है। इतने ज्वलनशील और खतरनाक विस्फोटक में स्पार्किंग की एक ही चिंगारी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है। ऐसे में निगम का यह कुप्रबंध कई तरह के खतरों को जन्म दे सकता है। 

दिनभर लाइट बंद रहती है, शाम 6 बजे से रोशनी के इंतजाम

पटाखा व्यवसायी इस बात से चिंतित हैं कि खतरा है पर सुरक्षा के नाम पर कैमरा नहीं लगाया है। उनका कहना था कि दिन में लाइट बंद रहती है तो कैमरा लगाने से भी क्या फायदा। शाम को 6 बजे लाइट जलती है, दिन भर तो ऐसे ही काटना पड़ता है। सभी का कहना था कि दिन में लाईट की माकूल व्यवस्था रहनी चाहिए। 

इस बार अच्छे व्यवसाय की उम्मीद, धनतेरस से उठेगा बाजार

जनजागरुकता से पटाखा व्यवसायी मुकेश राहुजा ने बताया कि पिछले 25 साल से पटाखा दुकान हिंद स्पोर्टिंग मैदान पर लगा रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी दुकान में 8 लाख का सामान रखा है। उन्होंने बताया कि यह उनका सीजनल काम है, मुख्य व्यवसाय कपड़े का है। पटाखा का होलसेल का बिजनेस है इसलिए ऑर्डर पर दुकानदारों को पटाखा उपलब्ध कराते हैं। यह तैयारी 8 माह पहले शुरू हो जाती है।  इस बार अच्छे व्यवसाय की उम्मीद है क्योंकि कोरोना के बाद अब इस दीपावली लोगों में एक अलग ही उत्साह है। इस व्यवसायी ने कहा कि फिलहाल इस समय व्यवसाय में रफ्तार नहीं है परंतु धनतेरस से जो तेजी आती है और ऐसा माहौल बनता है कि पूरे पटाखा बाजार में मेला लगा रहता है ।

40 हजार डिपॉजिट के बाद मिली दुकानें

सभी व्यापारियों ने बताया कि पटाखा दुकानें निगम की ओर से आवंटित की गई है। निगम ने ₹40 हजार का किराया 7 दिनों का रखा है। इसमें सभी से 15 से ₹20 हजार प्राथमिक राशि के रूप में जमा कराए गए हैं । शेष राशि व्यवसाय समाप्त होने के बाद निगम में जमा करनी होगी। जिन व्यापारियों ने अपना दर्द जनजागरुकता से साझा किया उनके नाम इस प्रकार हैंः- श्याम सोनी, अभिषेक राहुजा, मिर्जा, कैलाश एवं आकाश राहुजा। 

रात 2 बजे तक लग रहीं  दुकानें, शिवाकाशी से सप्लाई कम इसलिए

दामों में 30 से 40% की बढ़ोतरी,  18% जीएसटी की भी मार 

दुकानदारों का कहना था कि इस बार दीपावली में ग्राहकों को जेब ज्यादा भारी कर आना होगा क्योंकि तमिलनाडु के शिवाकाशी के बाजार में लगी आग से इस बार सप्लाई कम है इसलिए इस बार पटाखों के दामों में 30 से 40% की बढ़ोतरी हो गई है। शिवाकाशी से एडवांस के बाद भी आशा के अनुरूप पटाखे नहीं मिल पा रहे हैं। लाखेनगर में जय अंबे भंडार पटाखा दुकान के संचालक कैलाश एवं आकाश राहुजा ने बताया कि सभी तरह के पटाखाों पर 18% जीएसटी लगाया जाता है।  पहली बार व्यवसाय करने वाले राहुजा ब्रदर्स का कहना था कि रिस्पांस फिलहाल सामान्य है और 30% से अधिक कीमत पर पटाखा बेच रहे हैं। दुकानदारों ने बताया कि सुबह 8 बजे से दुकानें खुल जाती है रात 2 बजे तक चिल्लर से लेकर होलसेल के ग्राहक खरीदी के लिए पहुंचते हैं और व्यवसाय चलता है। 

नगर निगम ने सुरक्षा देने से पल्ला झाड़ा

व्यापारियों ने बताया कि इसीलिए लॉटरी से आवंटन के दौरान नगर निगम से सुरक्षा की मांग करते हैं वर वह पुलिस विभाग का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है।  व्यापारियों ने इसके मद्देनजर अब पुरानी बस्ती पुलिस केंद्र में एप्लीकेशन देकर अस्थायी चौकी बनाने की मांग की है। 

रात को बारी-बारी से खुद ही पहरा देते हैं, पूछा- किसके भरोसे करें व्यापार ?

दुकानदार का कहना था कि असामाजिक तत्वों के हमले के दौरान सभी व्यापारी एकजुट हो जाते हैं और निरंतर बैठकों के दौरान यह निर्णय भी लिया है कि आपस में मिलकर व्यवसाय करना है। ऐसे खतरे के अवसर पर एक दूसरे की मदद करते हैं और सजग रहते हैं । रात को पहरा भी सभी मिलकर बारी बारी से देते हैं। यानी नाइट गश्त पर न पुलिस का कोई जवान उपलब्ध रहता है और न पेट्रोलिंग टीम। व्यापारियों ने बड़ा सवाल किया कि हम किसके भरोसे व्यापार करें ?

अस्थायी पुलिस चौकी मांगी व्यापारियों ने

दुकानदारों ने यहां अस्थायी पुलिस चौकी की मांग की है। सभी व्यापारियों का कहना था कि वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। स्थानीय बदमाश दिन भर यहां उपद्रव करते हैं और चाकू की नोंक पर फ्री में पटाखा मांगते हैं।  हमारा सारा समय उनसे निपटने में ही खर्च हो जाता है। कई बार तो इन बदमाशों से माफी मांगकर पीछा छुड़ाना पड़ता है। ये बदमाश कई बार बच्चों को लेकर विवाद करते हैं तो कभी उनके बच्चों को पटाखा चोरी करते पकड़ लिए जाने पर।

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