पहली बार ऐसा- अधिकारी-कर्मचारी एकजुट, मांगों को लेकर स्वास्थ्य कर्मचारियों का महाआंदोलन
12 संगठनों के महाआंदोलन से राज्य में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों के उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर शहरी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।
रायपुर, जनजागरुकता। 5 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के आह्वान पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। धरना स्थल पर प्रदेश भर के डॉक्टर, नर्स, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों के साथ बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी जुटे हैं। जहां हल्ला बोल आंदोलन किया जा रहा है।
आंदोलन को मजबूर होने के कारणों में संगठन ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। राज्य के चिकित्सक, नर्स एवं स्वास्थ्य संयोजकों द्वारा कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में सरकार का साथ बिना किसी विरोध के दिया गया। अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया गया, उसके बाद भी लंबित मांगे एवं घोषणाओं की सरकार अनदेखी कर रही है।
इन मांगों पर अड़े
स्वास्थ्य फेडरेशन ने 5 सूत्रीय मांग- स्वास्थ्य विभाग के एएनएम/एमपीडब्ल्यू नर्सिंग संवर्ग कर्मचारियों की वेतनविसंगति, चिकित्सकों के लंबित वेतनमान, भत्ते एवं स्टायपेंड, मुख्यमंत्री द्वारा घोषित विशेष कोराना भत्ता, साथ ही चिकित्सालयों में डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ के साथ हिंसा पर सुरक्षा शामिल है।
12 बड़े संगठन एक हुए
बता दें कि आंदोलन में स्वास्थ्य विभाग के 12 बड़े संगठन सीआईडीए, जेयूडीए, जेडीए, एफएमजी, यूडीएफए डॉक्टर एसोसिएशन, डेंटल सर्जन, छग स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ, नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन, छग प्रदेश नर्सेज एसोसिएशन, परिवारीका कर्मचारी कल्याण संघ, छग एनएचएम संघ एवं छग शास. वाहन चालक संघ शामिल हुए हैं।
ऐसा पहली बार अधिकारी-कर्मचारी एक मंच पर
स्वास्थ्य फेडरेशन के पदाधिकारी डॉ. इकबाल हुसैन एवं टारजन गुप्ता ने बताया कि राज्य के इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एकमंच पर एकजुट हुए हैं। राज्य के इतिहास में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों के उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर शहरी क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज की सेवाएं प्रभावित हो रही है।
नहीं तो 21 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल
संगठन ने कहा है आज शुक्रवार को सांकेतिक प्रदर्शन के बाद भी मांगें नहीं मानी जाती तो 21 अगस्त 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर विचार है। लंबे समय से सरकार स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य संयोजक, नर्सिंग संवर्ग एवं चिकित्सकों कि मांगों की उपेक्षा कर रही है। फेडरेशन के पदाधिकारीयों में डॉ. मनु प्रताप सिंह, डॉ. रीना राजपूत, देवाश्रीसार, डॉ. विनय वर्मा, सुरेंद्र टंडन, सुमन शर्मा, डॉ. वीके पेगवार, डॉ. कमलेश इजारदार, डॉ. हिरा सिंह लोधी के साथ बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल रहे।