भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक 11-12 जून को दिल्ली में
सभी भाजपा मुख्यमंत्रियों को तैयारी के साथ आने को कहा गया है। बैठक में शाह-नड्डा सहित तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। भाजपा ने भी 11 और 12 जून को भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के महासचिव बीएल संतोष और राज्य संगठनों के सचिव भी शामिल होंगे। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर अचानक इस बैठक को बुलाने की क्या जरूरत पड़ी? इसकी चर्चा जोरो पर हैं। विपक्षी दलों की नजरे भाजपा के 11 और 12 जून होने वाली बैठक पर टिकी हुई है।
विधानसभा व लोकसभा चुनावों को लेकर सभी दलों ने कसी कमर
देश में लोकसभा चुनाव अगले साल होने हैं। इसके पहले नवम्बर-दिसम्बर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होना है। कुल मिलाकर अगले एक साल तक देश में चुनाव ही चुनाव होने हैं। इसके चलते देश में राजनैतिक दलों के सियासी पारा चढ़ा होना स्वभाविक है। एक तरफ विपक्षी दलों ने 23 जून को पटना में एक बड़ी बैठक बुलाई है। इसमें उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक के कई बड़े विपक्षी दल शामिल होंगे। कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे भी बैठक में जाएंगे। इस पर भाजपा नेता नजर बनाए हुए है।
मुख्यमंत्रियों को तैयारी के साथ आने को कहा
पार्टी के एक राष्ट्रीय नेता का कहना है कि सभी मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों को बैठक में पूरी तैयारी के साथ आने के लिए कहा गया है। विपक्षी दलों के पहले भाजपा ने अपने मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाकर विपक्ष को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के महासचिव बीएल संतोष और राज्य संगठनों के सचिव भी शामिल होंगे।
कामकाज का लेखा-जोखा मांगा
पार्टी और संबंधित राज्य की सरकार के बीच तालमेल, सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार, आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर रिपोर्ट भी मांगी है। सभी से चुनाव में जीत के लिए इनोवेटिव आइडिया मांगे गए हैं। इसके अलावा राज्य प्रभारियों से सरकार और संगठन के बीच आ रही दिक्कतों के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। सांसदों और विधायकों के कामकाज को लेकर भी चर्चा होगी।
विकास के मुद्दे पर मोदी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती
लोकसभा चुनाव से पहले विकास के मुद्दे पर कहीं से भी पार्टी को मुंह की न खानी पड़े। तालमेल बेहतर करके भाजपा राज्यों में अपनी पकड़ को और मजबूत बनाना चाहती है। अभी 10 राज्य ऐसे हैं, जहां भाजपा के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा पांच राज्यों में भाजपा गठबंधन की सरकार है।भाजपा नेता ने बताया कि राज्य सरकार की केंद्र और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ तालमेल को लेकर भी चर्चा होगी। इसमें भाजपा शासित राज्यों के उन प्रोजेक्ट्स की डिटेल भी मांगी गई है, जिन्हें केंद्र सरकार से मंजूरी मिलनी है।
पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक चल रहा है या नहीं?
बैठक के बहाने 'भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस बात की पुष्टि कर लेना चाहता है कि जहां-जहां सरकार है, वहां पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक चल रहा है या नहीं? कहीं ऐसा तो नहीं की लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही पार्टी के अंदर का कलह बाहर आने लगे और इससे नुकसान उठाना पड़ जाए।'
10 राज्यों में 70 प्रतिशत सीटें भाजपा के पास
बता दें 10 राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री हैं, वहां लोकसभा की 170 सीटें हैं। अभी इनमें से 70 प्रतिशत सीटें भाजपा के पास ही हैं। ऐसे में पार्टी पिछली बार के रिकॉर्ड को बरकरार रखना चाहती है। पिछले कुछ विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद पार्टी कहीं भी रिस्क नहीं लेना चाहती है।
तीन महीने में यह दूसरी बैठक
पिछले तीन महीने के अंदर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों के साथ केंद्रीय नेतृत्व की ये दूसरी बैठक है। इसके पहले 28 मई को मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर भी भाजपा शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम की बैठक हुई थी। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री मोदी ने की थी।