मणिपुर पर विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी, पीएम ने कहा जल्द ही शांति का सूरज जरूर उगेगा

अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम नरेंद्र मोदी ने मणिपुर हिंसा को लेकर जवाब दिया। कहा अपराध अक्षम है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलेगी। कांग्रेस ने देश में झूठ फैलाया। कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न-भिन्न करने का रहा है। कांग्रेस के समय के 3 घटनाओं का जवाब कांग्रेस नहीं पाएगी।

मणिपुर पर विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी, पीएम ने कहा जल्द ही शांति का सूरज जरूर उगेगा

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। केन्द्र सरकार के खिलाफ विपक्षी पार्टियों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम नरेन्द्र मोदी लोकसभा में जवाब देते हुए जमकर कोसा। उन्होंने मणिपुर में हिंसा को लेकर विपक्ष के आरोपों पर भी जवाब दिया। वहीं दूसरी ओर विपक्षी सांसद सदन से वॉकआउट कर गए। 

पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर में अदालत का फैसला आया, अब उसके पक्ष-विपक्ष में जो परिस्थितियां बनीं उसमें हिंसा का दौर शुरू हुआ। महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए और यह अपराध अक्षम है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कोशिश कर रही है। जिस तरह से प्रयास चल रहे हैं, करीबी भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। 

विपक्ष ने मणिपुर के मुद्दे पर सिर्फ झूठ फैलाया 

पीएम ने इस दौरान राहुल गांधी के बुधवार के संबोधन को लेकर भी करारा तंज कसा। मणिपुर के मुद्दे पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि मणिपुर पर चर्चा हो सकती थी, लेकिन इन्होंने झूठ फैला रखा है। मणिपुर की स्थिति पर देश के गृहमंत्री ने बड़े धैर्य से और राजनीति के बिना सारे विषय को विस्तार से समझाया। उसमें देश की जनता को जागरूक करने का प्रयास था। मणिपुर की समस्या के लिए रास्ते खोजने का प्रयास था।' पीएम मोदी ने कहा कि अगर इन्होंने मणिपुर पर चर्चा की गृह मंत्री की बात पर सहमति दिखाई देती थी तो विस्तृत चर्चा हो सकती थी। विस्तार से जब इन्होंने बात रखी तो पता चला कि ये लोग कैसा झूठ फैलाते हैं, कितना पाप फैला रखा है। 

शांति की स्थापना होगी, विकास की राह पर फिर बढ़ेगा

मणिपुर फिर एक बार नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा। मैं मणिपुर के लोगों से भी आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं। वहां की माताओं, बहनों, बेटियों से कहना चाहता हूं- देश आपके साथ है। यह सदन आपके साथ है। हम सब मिलकर इस चुनौती का समाधान निकाल लिया, वहां शांति की स्थापना होगी। मणिपुर फिर विकास की राह पर तेज गति से आगे बढ़ेगा। प्रयासों में कोई कसर बाकी नहीं रहेगी। 

राहुल के बयान ने हर भारतीय की भावना को गहरी ठेस पहुंची

यहां सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उससे हर भारतीय की भावना को गहरी ठेस पहुंचाई है। मुझे नहीं पता कि क्या हो गया है। सत्ता के बिना ऐसा हाल किसी का हो जाता है। सत्ता सुख के बिना जी नहीं सकते? क्या भाषा बोल रहे हैं? पता नहीं क्यों कुछ लोगों को भारत की मां की मृत्यु की कामना करते देखा गया, इससे बड़ा दुख क्या होगा। ये लोग कभी लोकतंत्र की, कभी संविधान की हत्या की बात करते हैं। दरअसल, जो इनके मन में है, वही उनके कृतित्व में सामने आ जाता है। मैं हैरान हूं। ये बोलने वाले कौन लोग हैं, देश भूल गया है। क्या विभाजन की पीड़ा हम भूल गए? उन चीखों को लेकर आज भी वह हमारे सामने आता है। 

मां भारती के तीन-तीन टुकड़े करने वाले किस मुंह से बोलते

पीएम मोदी ने कहा कि वह लोग जिन्होंने मां भारती के तीन-तीन टुकड़े कर दिए, वह भी तब जब मां भारत की बेड़ियों को काटना था, तब इन्होंने मां भारती की भुजाएं काट दीं। ये लोग किस मुंह से ऐसा बोलने की हिम्मत करते हैं? ये वो लोग हैं, जिस वंदे मातरम् गीत ने देश के लिए मर-मिटने की प्रेरणा दी थी। हिंदुस्तान के हर कोने में वंदे मातरम् चेतना का स्वर बन गया था, इन्होंने वंदे मातरम् गीत के भी टुकड़े कर दिए। ये वो लोग हैं, जो भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग को बढ़ावा देते हैं। ये उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो कहते हैं कि सिलीगुड़ी के पास जो कॉरिडोर है उसे काट दें, तो पूर्वोत्तर अलग हो जाएगा। 

कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न-भिन्न करने का रहा

विपक्ष पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा कि जो बाहर गए, उन्हें पूछें कि कच्छतीवु कहां है, उनसे पूछिए। ये द्रमुक वाले मुझे चिट्ठी लिखते हैं कि मोदी जी उसे वापस ले आइए। तमिलनाडु से आगे और श्रीलंका से पहले यह टापू किसने किसी देश को दे दिया था? तब यह टापू मां भारती का अंग नहीं था? कौन था उस समय? श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में यह हुआ था। कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न-भिन्न करने का रहा है।

इन 3 घटनाओं का जवाब दे कांग्रेस

पीएम ने कहा कि नेहरू जी ने अपने समय में असम वासियों को मरने के लिए छोड़ दिया। ये लोग आज हमसे सवाल पूछ रहे हैं? अकाल तख्त पर भी हमला करवाया। इंदिरा गांधी के शासन में हमला किया गया। पीएम ने बताया 5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने अपनी वायु सेना से मिजोरम में असहाय नागरिकों पर हमला करवाया। कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या यह किसी अन्य देश की वायु सेना थी। क्या मिजोरम के लोग मेरे देश के नागरिक नहीं थे? क्या उनकी सुरक्षा भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी? ये लोग आज ऐसी बातें कर रहे हैं लेकिन, पिछले कर्मों का क्या? 

सदन से पीएम ने पूछे सवाल- ..ये हुआ तब मणिपुर में किसकी सरकार थी?

जब सरकारी कार्यालयों में महात्मा गांधी की तस्वीर को अनुमति नहीं दी गई थी, मणिपुर में किसकी सरकार थी। जब स्कूलों में राष्ट्रगान की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया था? जब सब कुछ उग्रवादी संगठनों की इच्छा के अनुरूप होता था तब मणिपुर में किसकी सरकार थी? विपक्ष का दर्द चयनात्मक है। वे राजनीति से परे सोच ही नहीं पाते।

 

राजनीति को जितना दूर रखेंगे, उतनी जल्दी शांति आएगी

पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर की सरकार पिछले 6 साल से इन समस्याओं को दूर करने के लिए आगे बढ़ रही है। शांति की स्थापना के लिए आगे बढ़ रही है। हम इस मुद्दे पर राजनीति को जितना दूर रखेंगे, उतनी जल्दी शांति आएगी। हमारे लिए नॉर्थ-ईस्ट भले ही दूर लगता हो, लेकिन जिस प्रकार आशियान देशों का महत्व बढ़ रहा है, वो दिन दूर नहीं होगा, जब नॉर्थ-ईस्ट प्रगति के लिए नाम रोशन करेगा। 'नॉर्थ-ईस्ट करवट लेगा और विश्व संरचना में अपनी भूमिका निर्धारित करेगा।'

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