लोस में अविश्वास प्रस्ताव- 'विपक्ष पछताएगा'- किरेन रिजिजू, सरकार पूरी तरह फेल- कांग्रेस
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर आज बहस जारी रही। आरएसपी सांसद ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर आज के लिए चर्चा केरल के कोल्लम से आरएसपी सांसद एनके प्रेमचन्द्रन के बयान के साथ समाप्त हो गई है। आरएसपी सांसद ने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है। इसी के साथ लोकसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मणिपुर को लेकर कांग्रेस को जमकर घेरा।
रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस को आगे चलकर पछतावा होगा कि कितने गलत समय पर यह अविश्वास प्रस्ताव वे लेकर आए। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता मऩीष तिवारी ने कहा कि पिछले 9 वर्ष में ये सरकार पूरी तरह से विफल रही है।
विपक्ष कर रहा है देश को गुमराह, पछताएगा- रिजिजू
इससे पहले लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए सांसद व केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने मणिपुर को लेकर कांग्रेस को जमकर घेरा। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस को आगे चलकर पछतावा होगा कि कितने गलत समय पर यह अविश्वास प्रस्ताव वे लेकर आए। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद नॉर्थ ईस्ट में 8000 से अधिक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। बीजेपी सांसद ने कहा, ‘गठबंधन को I.N.D.I.A नाम देने से कुछ नहीं होगा जबकि आप वास्तव में भारत के खिलाफ काम कर रहे हैं।’
मोदी सरकार पूरी तरह से विफल रही- मनीष तिवारी
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ''किसी भी सरकार का मूल्यांकन पांच बिंदुओं पर किया जाता है। सबसे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा, दूसरा आर्थिक विकास, तीसरा सांप्रदायिक सद्भाव, चौथा संस्थाओं की स्वायत्तता और पांचवां कूटनीति या अंतरराष्ट्रीय रिश्ते। उन्होंने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इन पांचों बिंदुओं के ऊपर पिछले 9 वर्ष में ये सरकार पूरी तरह से विफल रही।
ऐसी स्थिति आसपास के राज्यों को प्रभावित करती है
तिवारी ने कहा यह विश्वास प्रस्ताव मणिपुर को केंद्रित करते हुए इस सदन के समक्ष रखा गया है, इसलिए मणिपुर की जो सामरिक संवेदनशीलता है। इसी के साथ कांग्रेस नेता ने अपने भाषण के दौरान कहा, 'मणिपुर के एक तरफ म्यांमार लगता है, दूसरी तरफ नगालैंड, असम, मिजोरम जैसे राज्य लगते हैं। इसलिए जब भी उत्तर-पूर्व के किसी राज्य में जब वहां पर सामाजिक उथल-पुथल होती है, जब वहां की स्थिरता भंग होती है तो असर सिर्फ उस राज्य पर नहीं पड़ता, पूरे उत्तर-पूर्व के ऊपर पड़ता है।'