दो राज्यों की जीवनदायिनी महानदी पर भीड़ी राजनीतिक पार्टियां..
बीजेपी विधायक दिलीप मल्लिक ने सवाल किया कि क्या सीएम नवीन पटनायक ने कभी पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। इस मुद्दे पर कभी चिंता व्यक्त की है।
भुवनेश्वर, जनजागरुकता डेस्क। छत्तीसगढ़ की महानदी का उद्गम स्थल सिहावा नगरी है। यह नदी दो राज्यों की जीवनदायिनी है। इसका जल छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बड़े भाग के रहवासियों के जीवनयापन का माध्यम है। पर इसके पानी को लेकर दशकों से चल रहा विवाद सुलझ नहीं पाया है।
बता दें नदी पर दोनों राज्यों में जल संग्रहण के लिए कई जलाशय बनाए जा चुके हैं, जिसका फसलों की सिंचाई के साथ शहरों में पीने के लिए भी पूरा उपयोग किया जाता है।
महानदी पर जलाशय दो दशक पहले तैयार किया गया है, इस पर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच विवाद बढ़ते जा रहा है। ओडिशा सरकार दावा कर रही है कि छत्तीसगढ़ उनके हिस्से का पानी रोक रहा है।
मामले पर ओडिशा की तीन प्रमुख राजनीतिक पार्टियां- सत्तारूढ़ बीजद और विपक्षी भाजपा व कांग्रेस शुक्रवार को जल विवाद को लेकर भिड़ते हुए एक-दूसरे पर आरोप लगाई हैं। सत्तारूढ़ बीजद ने कहा है कि बैराज भाजपा की पिछली रमन सरकार द्वारा बनाए गए थे, वहीं अब भूपेश की कांग्रेस सरकार "जल प्रवाह को रोक रही है"।
आरोप- "कांग्रेस और भाजपा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू
वहीं बीजद प्रवक्ता श्रीमयी मिश्रा ने आरोप लगाया कि "कांग्रेस और भाजपा दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।" छत्तीसगढ़ और केंद्र में उनकी सरकार होने के बाद भी जल मुद्दा विवादित है। इधर भाजपा ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ बांधों का निर्माण करा रहा था तो ओडिशा सरकार क्या कर रही थी?
जजों की टीम ने की जांच
महानदी जल विवाद ट्रिब्यूनल की स्थिति का आंकलन करने आगे और भी टीमें आएंगी। हाल में दिल्ली से जजों की टीम नदी व जलाशयों के निरीक्षण के लिए पहुंची थी। ओडिशा सरकार का आरोप है कि तटीय राज्य को गैर-मानसून महीनों के दौरान पर्याप्त पानी नहीं मिलता है क्योंकि छत्तीसगढ़ नदी के ऊपर बैराज बनाकर पानी के प्रवाह को बाधित करता है।
भूपेश सरकार पहल करे
सत्तारूढ़ बीजद ने आरोप लगाया कि बैराज भाजपा की पिछली रमन सिंह सरकार द्वारा बनाए गए थे और अब भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार "जल प्रवाह को रोक रही है।" बीजद प्रवक्ता श्रीमयी मिश्रा ने कहा और छत्तीसगढ़ और केंद्र में क्रमशः उनकी सरकार होने के बावजूद महानदी जल मुद्दे को हल अधर में है। मिश्रा ने कहा, "केंद्र को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए राजी करना भाजपा का कर्तव्य है। उन्होंने आगे कहा कांग्रेस को छत्तीसगढ़ सरकार पर कानून का पालन करने दबाव बनाना चाहिए।"
बांधों के निर्माण के दौरान ओडिशा सरकार चुप क्यों थी?
इधऱ भाजपा ने आरोपों पर आपत्ति दर्ज कराई है। बीजेपी ने कहा कि केवल नारे लगाने से महानदी को बचाया नहीं जा सकता है। सवाल किया कि दो दशक से राज्य सरकार क्या कर रही थी? पत्र लिखने और बयान से कोई मदद नहीं मिली। जब छत्तीसगढ़ उन बांधों का निर्माण कर रहा था तो ओडिशा सरकार चुप क्यों थी? उस दौरान सीएम जल संसाधन विभाग के शीर्ष पर थे।"
सीएम ने पीएम से अब तक मुलाकात क्यों नहीं की
बीजेपी विधायक दिलीप मल्लिक ने सवाल किया कि क्या सीएम नवीन पटनायक ने कभी पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है। इस मुद्दे पर कभी चिंता व्यक्त की है। इधर कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद बहनापति ने कहा पार्टी के वरिष्ठ नेता नरसिंह मिश्रा ने जब यह मुद्दा पहली बार विधानसभा में उठाया गया था तब पटनायक से सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध किया था।