रियासतकालीन परम्परा- ‘बस्तर गोंचा महापर्व’ में शामिल होंगे सीएम बघेल
आरण्यक ब्राह्मण समाज द्वारा अनवरत् 616 वर्षों से यह धार्मिक आयोजन किया जा रहा है। 4 जून से महापर्व 28 जून 2023 तक आयोजित किया जाएगा।
रायपुर, जनजागरुकता। सीएम भूपेश बघेल 25 जून को बस्तर जिले के संभागीय मुख्यालय जगदलपुर के सिरहासार भवन में आयोजित ‘बस्तर गोंचा महापर्व 2023’ में शामिल होंगे। गौरतलब है कि 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज द्वारा रियासतकालीन परम्परा का निर्वहन करते हुए हर वर्ष अनवरत 616 वर्षों से बस्तर गोंचा महापर्व का आयोजन करते आ रहा है। इस वर्ष भी यह महापर्व 4 जून से 28 जून 2023 तक आयोजित किया जा रहा है। सीएम बघेल इस महापर्व में भगवान श्री श्री जगन्नाथ जी के छप्पन भोग के शुभ अवसर पर सम्मिलित होंगे।
जनकपुरी (गुणिचा मण्डप) में विराजित है भगवान श्री जगन्नाथ
इस वर्ष 04 जून को देवस्नान पूर्णिमा (चंदन जात्रा) पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा महापर्व 2023 शुरू हुआ। भगवान श्री जगन्नाथ जी अनसर काल की समाप्ति के साथ 19 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान उपरांत 20 जून को पारम्परिक बस्तर के तोप (तुपकी) के गर्जना के साथ श्रीगोंचा रथयात्रा पूजा विधान के साथ भगवान श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा व स्वामी के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ कर परिक्रमा उपरांत जनकपुरी (गुणिचा मण्डप) में विराजित किया गया। जहां समाज द्वारा विविध धार्मिक, सांस्कृतिक अनुष्ठान (कार्यक्रमों) किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर के कलाकार देंगे भजन संध्या की प्रस्तुति
गोंचा महापर्व के दौरान प्रत्येक दिवस संध्या 7.30 बजे भगवान की महाआरती उपरांत भजन-कीर्तन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति की जा रही है। गोंचा महापर्व को मेला का स्वरूप प्रदान करने के लिए इस वर्ष भी पर्व के दौरान 8 दुकानें स्थापित की गई हैं, जहां पूजा सामग्री, सामाजिक धार्मिक वस्तुओं के साथ-साथ भगवान श्री जगन्नाथ को प्रिय भोग प्रसाद भी श्रद्धालुओं के लिये उपलब्ध कराया जा रहा है।
भगवान श्री जगन्नाथ को सात्विक शुद्ध भोग का अर्पण
शताब्दियों से रियासतकालीन परम्परानुसार भगवान श्री जगन्नाथ को अमनिया अर्थात् सात्विक शुद्ध भोग का अर्पण 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के 14 क्षेत्रीय समितियों में विभक्त 108 से अधिक ग्रामों में निवासरत् समाज के परिवारों द्वारा 21 जून से 27 जून तक प्रतिदिन भोग लगाने के पश्चात् श्रद्धालुओं को वितरित किया जा रहा है। नवीन रथ निर्माण टेम्पल कमेटी जगदलपुर के माध्यम से कराया गया है। इस वर्ष विद्युत साज-सज्जा के साथ भव्य स्वरूप में रथ संचालन करने की व्यवस्था की गई।