आदिवासी समाज ने कहा- धर्मान्तरण मामले में हुई हिंसा की जांच निष्पक्ष नहीं
बस्तर के विभिन्न जनजातीय समाज के प्रमुखों ने नारायणपुर में धर्मान्तरण मामले में हुई हिंसा एवं उससे संबंधित अन्य गतिविधियों को लेकर प्रेसवार्ता की है
रायपुर, जनजागरुकता। बस्तर के विभिन्न जनजातीय समाज के प्रमुखों ने नारायणपुर में धर्मान्तरण मामले में हुई हिंसा एवं उससे संबंधित अन्य गतिविधियों को लेकर प्रेसवार्ता की है। इस दौरान मीडिया से चर्चा में जनजातीय समाज के प्रमुखों ने आरोप लगाया कि 31 दिसंबर 2022 व 1 जनवरी को नारायणपुर के एडका पंचायत के गोर्रा गांव में धर्मान्तरित ईसाइयों की भीड़ ने जनजाति समाज के लोगों पर जानलेवा हमला किया है। उसके बाद कई जनजाति ग्रामीणों को अपनी जान की रक्षा के लिए घटनास्थल से भागना पड़ा।
जनजातीय समाज के प्रमुखों ने आरोप लगाते हुए बताया कि ईसाइयों के इस हिंसक हमले में कई जनजातीय ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हुए। पास्टरर्स और नवधर्मान्तरित ईसाई जिनके नेतृत्व में आदिवासियों पर हमला किया गया, उनके नाम हैं लच्छूराम पिता डुमरी ग्राम चिपरेल, बहादुर पिता मंगलू बोरपाल, लच्छू राम पिता सूदू कनागांव, प्रेमलाल पिता हीरालाल ताड़ोपाल, सोपसिंह पिता मोहन ताडोपाल, रजमन पिता गांडोराम तेरडुल, विजय कचलाम पिता दसरू देवगांव, पुनु राम पिता जग्गू चिपरेल, साधु पिता दुकरु चिपरेल और अन्य शामिल हैं। इनके विषय में थाने में शिकायत दर्ज कराया गया है पर पुलिस इन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।
प्रेसवार्ता के दौरान समाज प्रमुखों ने बस्तर की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि पूरे संभाग में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मान्तरण की अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। इस दौरान मिशनरी के सदस्य भोले-भाले जनजातियों को निशाना बनाकर उनका मतांतरण कर रहे हैं। इसके लिए मिशनरियों द्वारा जनजातीय समाज के ग्रामीणों को कई तरह का प्रलोभन दिया जा रहा है, इसके माध्यम से दिग्भ्रमित कर उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है।
पूजा पद्धति व रीति-रिवाजों का उपहास उड़ा रहे
समाज प्रमुखों ने मीडिया को बताया कि जनजातीय संस्कृति, पूजा पद्धति एवं रीति-रिवाजों को भी ईसाइयों के द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। जनजातीय पर्वों के दौरान धर्मान्तरित समूहों के द्वारा इसका विरोध किया जाता है, साथ ही जनजातियों के देवी-देवताओं का उपहास उड़ाया जाता है।
सरकार पर ईसाइयों से मिले होने का आरोप
प्रेसवार्ता के दौरान जनजाति समाज के वरिष्ठ नागरिकों ने छत्तीसगढ़ की सरकार और जिला एवं पुलिस प्रशासन पर भी पक्षपात का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हाल ही में नारायणपुर में हुई हिंसा की घटना में प्रशासन निष्पक्ष नहीं है। इसके अलावा जनजातीय नेतृत्वकर्ताओं ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर ईसाइयों से मिले होने का आरोप लगाया है।
फिर भी पुलिस ग्रामीणों को ही दोषी मान रही
समाज प्रमुखों का कहना है कि जब आदिवासी समाज पर ईसाइयों ने प्राणघातक हमले किए तब शिकायत के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। इसके बाद जब इस घटना की प्रतिक्रिया स्वरूप कुछ छिटपुट घटना हुई, तब उसके बाद पुलिस ने जनजातीय ग्रामीणों को ही निशाना बनाना शुरू कर दिया।
पुलिस और प्रशासन की जांच निष्पक्ष नहीं
जनजाति प्रमुखों ने आरोप लगाया है कि ईसाइयों द्वारा किए गए हमले में जनजातीय ग्रामीण ही नहीं, बल्कि पुलिस बल को भी चोट पहुंची है, लेकिन पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। जनजातीय समाज के लोगों ने प्रेसवार्ता में कहा कि यदि पुलिस और जिला प्रशासन ईसाई आरोपियों पर त्वरित कार्रवाई करता तो आदिवासी समाज इतना आक्रोशित नहीं होता। आदिवासी समाज का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की जांच इस मामले में अब निष्पक्ष नहीं रही है, अतः इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
कड़े कानून बनाकर जनजातीय हितों की रक्षा की जाए
प्रेसवार्ता में जनजातीय प्रमुखों ने मांग की है कि नारायणपुर में जनजातियों पर किए गए हमले के दोषी ईसाइयों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, साथ ही प्रदेश में जिस तरह से धर्मान्तरण की अनैतिक गतिविधियां चल रही है, उस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए। इसके अलावा पत्रकारों से चर्चा के दौरान जनजातीय समाज के नेतृत्वकर्ताओं ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में भी धर्मान्तरण रोकने के लिए कठोरतम कानून बनाए जाए, जिससे जनजातीय हितों की रक्षा की जा सके। जनजातीय समाज ने राज्य सरकार से मांग की है कि नारायणपुर में आदिवासी समाज के जिन निरपराध लोगों को जेल में डाला गया है, उन पर लगे सभी मामले वापस लेकर निःशर्त उनकी रिहाई की जाए।
पीड़ितों ने बताया कैसे हमला किया गया
इस प्रेसवार्ता के दौरान एडक़ा ग्राम पंचायत के गोर्रा गांव के रनाय उसेंडी, सियाबत्ती दुग्गा, मोड़ा राम कौड़ो, मगलूराम नेताम और राजाऊ राम उसेंडी भी मौजूद थे, जिन पर ईसाइयों ने प्राणघातक हमला किया था। प्रेसवार्ता में पत्रकारों को इन पीड़ितों ने पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया और जानकारी दी कि कैसे ईसाइयों की विशाल भीड़ ने उन पर और उनके साथियों पर हमला किया था।
प्रेसवार्ता में ये समाजों के प्रमुख मौजूद रहे
समस्त आदिवासी समाज नारायणपुर के मोड़ोराम कोडो के अनुसार इसके अलावा इस प्रेसवार्ता में भतरा समाज से अंतराम कश्यप एवं सोनाध कश्यप, धुरवा समाज से गाघरा राम नाग एवं जयराम नाग, कोया समाज से जुल्कुराम मंडावी एवं सुखदेव मंडावी, कोया समाज से कमलूराम करकामी एवं लुदरु राम करकामी, जनजाति सुरक्षा मंच से भोजराज नाग और सर्व आदिवासी समाज से राजाराम तोड़ेम समेत विभिन्न जनजातीय गण मौजूद थे।
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