दुनिया की नजर भारत-अमेरिका पर, 8 डील से दोस्ती हुई प्रगाढ़, चीन को झटका

समझौते के तहत भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट, रेलवे, तकनीक, ड्रोन, जेट इंजन और स्पेस सेक्टर में करार किए गए हैं। सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात में लगेगा।

दुनिया की नजर भारत-अमेरिका पर, 8 डील से दोस्ती हुई प्रगाढ़, चीन को झटका

वाशिंगटन, जनजागरुकता डेस्क। पूरी दुनिया की नजरें इस वक्त भारत और अमेरिका की दोस्ती पर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने वो कर दिखाया जिस तक किसी देश की सोच भी नहीं पहुंच सकती है। 8 डील से भारत और अमेरिका के बीच दोस्ती प्रगाढ़ हुई है। चीन को इससे बड़ा झटका लगा है।

जी हां.. भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और दुनिया की महाशक्तियों में से एक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की दोस्ती में प्रगाढ़ता आई है। इसे मजबूती देने डील पर डील हुई और भारत की अरबों जनता तक 8 खुशखबरी पहुंची है। व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में गुरुवार को हुई बैठक में समझौतों पर मुहर लगाई गई।

दोनों देशों के बीच समझौते में जटिल तकनीकों को सुरक्षित रखने और आपस में बांटने पर सहमति बनी है। वहीं दिग्गज कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक कर उन्हें भारत में निवेश के लिए भी आमंत्रित किया गया।

- बड़ी उपलब्धि सेमीकंडक्टर प्लांट

समझौते के तहत भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट, रेलवे, तकनीक, ड्रोन, जेट इंजन और स्पेस सेक्टर में करार किए गए हैं। सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात में लगेगा। ये भारत के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। बता दें कि चाइना चिप्स का बड़ा उत्पादक देश है, पर अब अमेरिका के सहयोग से इसका भारत में उत्पादन होने से चाइना को बड़ा कारोबारी नुकसान होगा।

मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

बता दें कि अमेरिका के सहयोग से सेमीकंडक्टर प्लांट लगने से भारत को बड़ा लाभ मिलेगा। इसके डिवाइस महत्वपूर्ण इलेक्ट्रानिक उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं। जो चीन से भारत को मिलता है। सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रॉन गुजरात में अपना प्लांट लगाएगी। इसमें कंपनी 2.7 अरब डॉलर का निवेश करेगी। मंत्रिमंडल ने एक नए सेमीकंडक्टर टेस्टिंग एंड पैकेजिंग यूनिट के लिए माइक्रॉन को भारत में इन्वेस्टमेंट करने की मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट अनुसार, समझौते के तहत अमेरिकी सेमिकंडक्टर कंपनी को 1.34 अरब डॉलर के प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) का भी लाभ मिलेगा।

- रेलवे को मिलेगी नई तकनीक

नई तकनीक से भारतीय रेलवे को मजबूती मिलेगी। यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट/इंडिया (यूएसएआईडी/इंडिया) के साथ MoU पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा क्लीन एनर्जी और ऊर्जा दक्षता समाधानों पर USAID/भारत के साथ सहयोग पर सहमति बनी है। वहीं मिशन नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने के लिए भारतीय रेलवे के कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने का प्रयास किया गया है।

- अर्टेमिस एकॉर्ड्स समझौता

अमेरिका दौरे में सबसे खास समझौता देखें जिस पर भी सहमति बनी है। उनमें से एक 'अर्टेमिस एकॉर्ड्स' भी शामिल है। यह समान विचारधारा वाले देशों को नागरिक अंतरिक्ष खोज के मुद्दे पर एक साथ लाता है। नासा और इसरो 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त मिशन पर सहमत हुए हैं। इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग को बढ़ावा देना होगा। इससे भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा जो अंतरिक्ष के क्षेत्र में अमेरिका के सहयोगी हैं।

- इंडस-एक्स की शुरुआत

बड़े करार में भारत और अमेरिका मिलकर यूएस-इंडिया डिफेंस एक्सीलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) शुरू करने पर सहमत हुए हैं। इस नेटवर्क में दोनों देशों की यूनिवर्सिटी, स्टार्टअप्स, इंडस्ट्री और थिंक टैंक्स शामिल होंगे। इस समझौते के जरिए संयुक्त रूप से रक्षा टेक्नोलॉजी संबंधी इनोवेशन देखने को मिलेंगे। इसी क्रम में अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस स्पेस फोर्स ने भारत के स्टार्टअप्स 114AI और 3rdiTech के साथ समझौता किया है।

- अब भारत में बनेंगे फाइटर जेट्स इंजन

रक्षा क्षेत्र में भी भारत की ताकत में अमेरिका सहयोगी होगा। जीई एयरोस्पेस कंपनी के इंजन मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाया जाएगा। इसके बाद फाइटर जेट्स के इंजन भी भारत में ही बनने शुरू हो जाएंगे। इसमें भारत से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जीई एयरोस्पेस की मदद करेगी। इस प्लांट में भारतीय वायुसेना के हल्के लड़ाकू विमान तेजस के मेक-2 (LCA Tejas-Mk2) वैरिएंट के लिए इंजन बनाए जाएंगे। यानी भारतीय वायुसेना सशक्त होगी।

- जटिल तकनीकों को सुरक्षित रखेंगे

यह समझौता पहले हो चुकी थी, घोषणा अब की गई। भारत और अमेरिका दोनों के बीच जटिल तकनीकों को सुरक्षित रखने और आपस में बांटने का समझौता भी हुआ है। इसके साथ ही इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (iCET) की शुरुआत भी की गई है। हालांकि इसकी शुरुआत इस साल जनवरी में हो गई थी।

- लड़ाकू ड्रोन (एमक्यू-9 रीपर)

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जनरल एटॉमिक्स एमक्यू-9 रीपर सशस्त्र ड्रोन की खरीद पर एक मेगा डील का ऐलान भी किया है। एमक्यू-9 रीपर ड्रोन भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी तैनाती हिंद महासागर, चीनी सीमा के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। करीब 29 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे से भारत को 30 लड़ाकू ड्रोन मिलेंगे।

- भारत में दो नए अमेरिकी दूतावास

अमेरिका भारत में बेंगलुरु और अहमदाबाद में दो नए वाणिज्य दूतावास खोलने वाला है। इसके अलावा भारतीयों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सिएटल में एक मिशन स्थापित किया जाएगा। बैठक के दौरान जहां दोनों नेताओं ने विभिन्न समझौतों पर अपनी रजामंदी दी।

बोइंग के साथ एयर इंडिया के ऐतिहासिक समझौते

इस दौरान राष्ट्रपति बाइडेन और पीएम मोदी ने 200 से अधिक अमेरिकी निर्मित विमान प्राप्त करने के लिए बोइंग के साथ एयर इंडिया के ऐतिहासिक समझौते का फिर से स्वागत किया. वहीं सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार, लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने और वैश्विक डिजिटल समावेशन को सक्षम करने पर भी एकमत नजर आए. 

वैश्विक साझेदारी के अध्यक्ष के रूप में भारत का समर्थन

अमेरिका ने एआई पर वैश्विक साझेदारी के अध्यक्ष के रूप में भारत के नेतृत्व का भी समर्थन किया। दोनों नेताओं ने भारत में 10 अरब डॉलर के भारत डिजिटलीकरण फंड के माध्यम से निवेश जारी रखने की गूगल की पहल की सराहना की। बता दें भारत में अपने एआई रिसर्च सेंटर के माध्यम से, Google 100 से अधिक भारतीय भाषाओं का समर्थन करने के लिए मॉडल बना रहा है।

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